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We Women Want Triple Talaq Epiosde: वी वीमन वांट का पहला संस्करण मुंबई में हुआ था। आज दूसरा संस्करण दिल्ली के ताज वीवांता होटल में हो रहा है। वी वीमेन वांट शो में तीन तलाक की पीड़ित महिलाएं पहुंची। इनमें निदा खान, शबो खातुन, ताहिरा हसन और उस्मा खान ने अपनी बात रखी। इन लोगों ने पत्रकार देविका चोपड़ा से बात की।
निदा खान ने बताया कि उनकी शादी 2015 में हुई थी, जिनसें हुई थी वह एक दरगाह के वारिश है। दरगाह आला हजरत काफी फेमस दरगाह है। वही से शरीयत निकलती है वही से फतवे निकलते है आए दिन। पति से झगड़ा पहली बार पढ़ाई को लेकर हुआ। एग्जाम देने गई तो वहां से उठा कर ले आए। उसके बाद मैं अपने घर आ गई लेकिन पति ने दूसरी शादी का मन बना लिया। उन्होंने कोर्ट में आकर तलाक दिया। तलाक हो गया। उलेमाओं ने भी पति का ही साथ दिया।
उस टाइम इसका कोई समाधान नहीं था। तलाक के बाद धमकियां देना चालू हो गया। दो परिवार इसमें शामिल होते है। उसके बाद उसे इतना प्रताड़ित करते है। जब मैनें मामला दर्ज करवाया तब समाजवादी पार्टी की सरकार थी तब पति के घर वालों का साथ सरकार ने दिया। पति के रिश्तेदार सरकार में मंत्री बनते थे। उसके बाद मेरे खिलाफ फतवा दिया गया की जब मै मर जाऊं तो मुझे कब्रिस्तान में जगह नहीं मिले। मैं बीमार हो तो कोई मुझे दवाई नहीं दे। जो मुझसे मिलेगा वह इस्लाम से खारिज हो जाएगा। मेरा समाजिक बहिष्हार किया गया। मेरे घर में घुस कर हमला किया गया।
वही पीड़ित उस्मा ने बताया कि मेरी शादी 2020 में हुई थी। मेरा अरेंज मैरेज हुआ था। हर बात पर झगड़ा होने लगा। मेरे पति तो पढ़ाई को लेकर राजी थे पर मेरे ससुर राजी नहीं थे। मैंने पढ़ाई करने से मना कर दिया। फिर मेरे ससुर की नजर मेरे ऊपर ठीक नहीं थी। उन्हें मेरी हर बात से परेशानी होनी लगी। सास-देवर सब मेरे साथ मारपीट करने लगे। लेकिन हर दिन यह बढ़ता गया। मुझे मेरे घर से निकाल दिया, मेरा सारा समान बेच दिया गया। इसके बाद मैंने मुकदमा किया लेकिन वो लोग माने नहीं। अब पति दूसरी शादी करने के बारे सोच रहे है। उन्होंने मुझे तीन तलाक दे दिया। मैंने मामला दर्ज कराया लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।
शबो खातुन ने बताया कि मेरी शादी 2012 में हुई तलाक 2019 में। बहुत मारा पिटा गया। फैमिली कोर्ट में केस चला। मैनें कहा कि मैं तलाक को नहीं मानती फिर मुझे तीन तलाक दिया गया। मेरी कोई सुनने वाला नहीं था। फिर पति फतवा लेकर आए कहा कि तलाक हो गया। उसके बाद मेरे घर वालों ने भी मुझे नहीं रखा मैं अकेले अपने बच्चे को लेकर रहती थी। कहीं सुनवाई नहीं हो रही थी। मेरे घर वालों ने दूसरी शादी कर दी। वह सऊदी जाकर दूसरी पत्नी के साथ रहने लगे। मै घरों का काम करके अपने बच्चों को पढ़ा रही हूं, कोई मुझे रखने को तैयार नहीं। तीन तलाक कानून का कोई लाभ नहीं मिला। मोदी और योगी को भी खत लिखा लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
महिला अधिकारों की कार्यकर्ता ताहिरा हसन ने कहा कि कानून बनाना हमारी जीत थी। ताहिरा हसन ने तीन तलाक कानूनों की कमियों पर भी अपनी बात रखी। निदा खान ने कहा कि कार्ट में मस्लिम महिलाओं के कई मामले सालों से पढ़े है। 21 मामलों तो ऐसे है जो जिला अदालत में सात साल से पड़े। मजिस्ट्रेट 1 बजे आती है कोई काम नहीं करती।
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