बचपन में कोल्ड ड्रिंक पीने के लिए पैसा इकट्ठा करते थे
पिता की ख्वाहिश थी कि डॉक्टर बनें, 7 की उम्र में हॉस्टल भेजे गए
5वीं क्लास में NSD में जाने का फैसला कर लिया था
NSD में एडमिशन ना मिलने पर दोस्तों को डर था कि मनोज सुसाइड कर लेंगे
किस्मत से पहली फिल्म बैंडिट क्वीन मिली
मुंबई की चॉल में रहना पड़ा, खाने तक के पैसे नहीं थे
महेश भट्ट ने इंडस्ट्री छोड़ने से रोका
सत्या के लिए 5 साल से मनोज को ढूंढ़ रहे थे रामगोपाल वर्मा
सत्या के बाद भी 7 साल संघर्ष किया, फिल्म राजनीति से करियर पटरी पर आया
दो शादी की, पहली शादी सिर्फ 2 महीने ही चली