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India's First Underwater Metro: भारत की पहली अंडरवाटर मेट्रो का पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन, जानिए इसकी खासियत

Himanshu Pandey • LAST UPDATED : March 6, 2024, 12:41 am IST

India News (इंडिया न्यूज), India’s First Underwater Metro: देश में पहली मेट्रो के 40 साल बाद पहली अंडर वॉटर मेट्रो भी 6 मार्च से शुरु होगी ,देश का पहला अंडर वॉटर मैट्रो की सौगात कोलकाता वासियों को मिलने जा रही है। पश्चिम बंगाल के राजधानी कोलकाता में भारत का पहला अंडर वॉटर मेट्रो को पीएम नरेंद्र मोदी 6 मार्च को हरी झंड़ी दिखाएंगे। पहली अंडर वॉटर मेट्रो के मॉडल, रेलवे बोर्ड के मेंबर इंफ्रा अनिल कुमार खंडेलवाल और कोलकाता मेट्रो कॉर्पोरेशन के एमडी वी के श्रीवास्तव के साथ डिटेल में बातचीत हुगली नदी के ऊपरी वॉटर लेवल से 36 मीटर, निचली वॉटर लेवल से 16 मीटर गहरी सुरंग है।

कहां चलेगी अंडरवाटर मेट्रो 

कोलकाता मेट्रो कॉर्पोरेशन के एमडी वी के श्रीवास्तव के साथ बातचीत करते हुए -इस मेट्रो की क्या खास बात है, सुरक्षा के लिहाज से कैसे बेहतर है। वन्देभारत एक्स्प्रेस ट्रेन में लगे कवच से भी एडवांस्ड तकनीक का इस्तेमाल प्लेटफॉर्म पूरी तरह से शीशे से कवर है ताकि कोइ कूद ना सके। भविष्य में ओर मेट्रो शुरु होगी। पीएम 6 मार्च को कई प्रोजेक्ट्स को शुरु कर रहे हैं। अंडर वाटर मेट्रो कोलकाता के ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर पर चलेगी जो । इसके लिए 2009 में अलग-अलग कंपनियों से कांट्रैक्ट किया गया था। 2010 में काम शुरू हुआ। इस कॉरिडोर पर सबसे बड़ी चुनौती हावड़ा ब्रिज के पास से हुगली नदी में पानी के अंदर 520 मीटर की सुरंग बनाना था। अब यहां फेज-1 से साल्ट लेक और सियालदाह तक 8 स्टेशन बन चुके हैं।

Underwater Metro in Kolkata: कोलकाता में दौड़ी भारत की पहली 'अंडरवाटर'  मेट्रो, जानिए ये खास बातें - India first underwater metro runs in Kolkata

भूकंप को सहने की क्षमता 

अंडर वाटर मेट्रो में सबसे बड़ी चुनौती वाटर प्रूफिंग थी। दरअसल यह टनल नदी से 26 मीटर नीचे बनाया गया है। ऐसे में सबसे पहले यही पुख्ता करने की जरूरत थी कि टनल में एक बूंद पानी न जाए। टनल बनाने वाली कंपनी अफकॉन्स ने यह काम रूसी कंपनी ट्रांसटोनेल्ट्रॉय के साथ काम किया। कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक इसे ऐसे तैयार किया गया है ताकि टनल में जरा भी पानी पहुंचे तो उसके गैसकेट खुल जाएंगे। यह टनल भूकंप भी सह सकता है।

80 KM प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ेगी

देश का सबसे गहरा टनल, एक मिनट में पार कर लेगी मेट्रो ईस्ट वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर कुल 16.6 किमी लंबा है। यहां मेट्रो 65 KM से 80 KM प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ेगी। ऐसे मे 520 मीटर लंबे इस टनल को पार करने में मेट्रो को एक मिनट से भी कम समय लगता है। इस कॉरिडोर पर कुल 12 स्टेशन हैं, इनमें से आधे स्टेशन अंडरग्राउंड हैं। यह टनल देश का सबसे गहरा टनल है। जो जमीन से 30 मीटर नीचे है। कोलकाता की हुगली नदी के नीचे बनी इस टनल के लिए लगातार 67 दिन तक बस खोदाई का काम चला था। इंजीनियरों के मुताबिक टनल की खोदाई 2017 में शुरू हुई थी और लगातार 67 दिन तक चली थी। यह काम लगातार इसलिए करना था, क्योंकि लीकेज और धंसाव का डर लगातार था। ऐसे में एक भी दिन काम को रोका नहीं जा सकता था।

Underwater Metro: जल्द पानी के अंदर दौड़ेगी मेट्रो, टेस्टिंग के बाद इस  राज्य में शुरू होगी सर्विस | India's firts underwater metro soon to be  launched in kolkata will run in hoogly

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विश्व के चुनिंदा देशों में शामिल भारत का नाम

कोलकाता की हुगली नदी के 26 मीटर नीचे बने इस 520 मीटर टनल में मेट्रो दौड़ाने के साथ ही भारत विश्व के उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया जहां अंडरवाटर मेट्रो दौड़ रही है। अभी तक पेरिस, लंन, न्यूयॉर्क, शंघाई और काहिरा ही ऐसे शहर हैं जहां पर पानी के अंदर मेट्रो दौड़ती है। अब कोलकाता का नाम भी इन शहरों की लिस्ट में जुड़ गया है।
# इस मेट्रो रूट पर चार स्टेशन हैं। जिनमें एस्प्लेनेड, महाकरण, हावड़ा और हावड़ा मैदान शामिल हैं। कोलकाता के ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर के तहत करीब 520 मीटर लंबी का निर्माण किया गया है। ये सुरंग पूर्वी हिस्से में साल्ट लेक सेक्टर V को कवर करते हुए पश्चिम में हावड़ा मैदान तक नदी के किनारे तक जाती है।

हुगली नदी के अंदर बनाया गया टनल

कोलकाता मेट्रो ग्रीन लाइन या ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर की बात करें तो यह 16.6 किलोमीटर लंबा है। यह सेक्टर पांच और हावड़ा को जोड़ता है। सेक्टर पांच से सियालदह के बीच मेट्रो का संचालन पहले से जारी है जिसके बीच कुल छह स्टेशन हैं। सियालदह और एस्प्लेनेड के बीच टनल है जो हुगली नदी के अंदर बनाया गया है। इस टनल की लंबाई 520 मीटर है। सियालदह-एस्प्लेनेड सेक्शन 2.5 किलोमीटर का है। उसके बाद एस्प्लेनेड-हावड़ा सेक्शन 4.5 किलोमीटर का है। ईस्ट बाउंड टनल की मदद से मेट्रो साल्ट लेक सेक्टर पांच से हावड़ा की तरफ जाएगी।

रिपोर्ट- मनोहर केशरी 

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