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स्वदेशी मल्टी-लेयर एयर डिफेंस शील्ड: Capital Dome से सुरक्षित बनेगी राजधानी

भारत की राजधानी दिल्ली एक स्वदेशी मल्टी-लेयर एयर डिफेंस शील्ड, जिसका नाम "कैपिटल डोम" है, के लिए तैयार हो रही है. इसे मिसाइलों, ड्रोन और हवाई खतरों को रोकने के लिए डिजाइन किया गया है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की मिसाइल लॉन्च सहित बढ़ते खतरों के कारण यह सिस्टम बनाया गया है.

Written By: Shivangi Shukla
Last Updated: December 17, 2025 12:59:13 IST

भारत की राजधानी दिल्ली एक स्वदेशी मल्टी-लेयर एयर डिफेंस शील्ड, जिसका नाम “कैपिटल डोम” है, के लिए तैयार हो रही है. इसे मिसाइलों, ड्रोन और हवाई खतरों को रोकने के लिए डिजाइन किया गया है. 
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की मिसाइल लॉन्च सहित बढ़ते खतरों के कारण यह सिस्टम बनाया गया है; जिन्हें हवा में ही रोक दिया गया था. यह सिस्टम आत्मनिर्भर रक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी छलांग है. DRDO और भारतीय वायु सेना के नेतृत्व में, कैपिटल डोम में दिल्ली-NCR की महत्वपूर्ण जगहों के चारों ओर तीन गोल घेरे हैं, जिसमें 500 से ज्यादा सरकारी इमारतें, हवाई अड्डे और इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल हैं. इस डिफेंस शील्ड को बनाने का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है, और बिना किसी रुकावट के सुरक्षा के लिए S-400 जैसे मौजूदा सिस्टम के साथ इसे इंटीग्रेट किया जा रहा है.

तीन-परतों वाला किला

इस कैपिटल डोम को तीन परतों से युक्त बनाया जायेगा. इसका बाहरी घेरा लंबी दूरी के खतरों का पता लगाने के लिए एडवांस्ड सिग्नल-आधारित रडार तैनात करता है, जो आने वाले खतरों को जल्दी पहचान लेता है. वहीं बीच की परत में क्विक रिएक्शन सरफेस-टू-एयर मिसाइल (QRSAM) हैं, जो 30-350 किमी तक फाइटर जेट, मिसाइलों, ड्रोन और लोइटरिंग म्यूनिशन को बेअसर करती हैं. यह मोबाइल और तेज है, और चलते-फिरते कई लक्ष्यों को निशाना बना सकती है. इसके अलावा अंदर का घेरा जो है वह बहुत छोटी दूरी की एयर डिफेंस सिस्टम (VSHORADS) का उपयोग करता है, जिसमें कॉम्पैक्ट, इंफ्रारेड-गाइडेड मिसाइलें शामिल हैं, जो 6-10 किमी के भीतर कम ऊंचाई पर उड़ने वाले खतरों के लिए हैं, जिससे राजधानी की सुरक्षा में कोई कमी न रहे.

सॉफ्ट-किल और स्मार्ट टेक्नोलॉजी

इस कैपिटल डोम के निर्माण में एडवांस्ड टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है. काइनेटिक्स से परे, इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग और लेजर-आधारित डायरेक्टेड-एनर्जी हथियारों जैसे “सॉफ्ट-किल” उपकरण बिना गोली चलाए दुश्मनों को बाधित करते हैं. एक केंद्रीय कमांड-कंट्रोल रडार, उपग्रहों और सेंसर को मिलाकर रियल-टाइम डिसीजन लेता है जो संकट के समय बेहद मायने रखते हैं.
पूरी तरह से स्वदेशी, यह कैपिटल डोम US NASAMS जैसी विदेशी खरीद को छोड़ देता है, जो आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक है. एंटी-स्टील्थ या AI भविष्यवाणी जैसे अपग्रेड के लिए मॉड्यूलर “सुदर्शन चक्र” का निर्माण किया जा रहा है. 

दिल्ली के राजनीतिक केंद्र को कड़ी सुरक्षा की जरूरत है. कैपिटल डोम इसे रक्षा शील्ड प्रदान करेगा और बढ़ते ड्रोन/मिसाइल खतरों के बीच नागरिकों की सुरक्षा को बढ़ाता है. रक्षा क्षेत्र में यह स्वदेशी नवाचार राजधानी को एक स्थाई सुरक्षा प्रदान करेगा. 

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