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हरियाणा की IAS अधिकारी का आरोप- नेता जी ने कहा '5 करोड़ देकर, घोटाले में क्लीन चिट लो'

Gurpreet KC • LAST UPDATED : March 7, 2023, 2:41 pm IST

Haryana IAS officer alleges for bribe: हरियाणा कैडर की IAS अनीता यादव के बारे में तो आप जानते ही होंगे। अगर नहीं जानते तो आपको बता देते हैं साल 2020 में कथित रूप से करीब 200 करोड़ के घोटाले में नाम आने के बाद IAS अनीता चर्चा में आ गई थीं। अब खबर ये है कि इस घोटाले में जांच से बचने के लिए उन्हें फिरौती के लिए कॉल आ रहे हैं। इसके लिए IAS अनीता यादव ने FIR भी दर्ज करवाई है।

  • IAS अधिकार ने रिश्ववत मांगने का लगाया आरोप
  • नेता पर फिरौती वसूलने का आरोप
  • 200 करोड़ के घोटाले पर चल रही है जांच

पूरे मामले की बात की जाए तो, खबर ये भी है कि कॉल करने वाले शख्स ने उन्हें धमकी देते हुए कहा है कि वो अगर 5 करोड़ रुपए की रकम दे देती हैं तो वे जांच से बच जाएंगी। आपको बता दें कि पिछले साल सितंबर में अनीता यादव का नाम फरीदाबाद में हुए एक घोटाले में आया था। मामले की जांच अभी भी चल रही है।

नेता पर फिरौती वसूलने का आरोप

अनीता यादव ने गुरुग्राम के सेक्टर 50 पुलिस थाने में अपनी शिकायत दर्ज करवाई है। इसमें उन्होंने बताया है कि एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा इन्वेस्टिगेट किए जा रहे केस में मेरा नाम है। उस केस में क्लीन चिट देने के एवज में पांच करोड़ रुपये की मांग की जा रही है। कॉल करने वाले व्यक्ति ने आगे बात करते हुए ये भी बताया कि वो किसी नेता के दिशानिर्देश पर ऐसा कर रहा है।

क्या है पूरा घोटाला, ये भी जान लें

अनीता यादव की बात करें तो वो 2004 बैच की IAS अफसर है। 2019 में फरीदाबाद नगर निगम (FMC) में आयुक्त के पद पर उन्हें नियुक्त किया गया। खबर के मुताबिक, मई 2020 में फरीदाबाद नगर निगम के तत्कालीन पार्षद दीपक चौधरी, सुरेंद्र अग्रवाल और दीपक यादव व महेंद्र सरपंच ने करोड़ों का घोटाला होने का आरोप लगाया था। इस दौरान ये भी बात सामने आई थी कि नगर निगम के अधिकारियों ने मिलीभगत कर बिना काम हुए ही एक ठेकेदार को करीब 200 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया था।

हालांकि, पूरा मामला सामने आने के बाद हरियाणा सरकार ने एंटी करप्शन ब्यूरो मामले की जांच सौंपी थी। इसके बाद इसमे अनीता यादव का नाम शामिल होने की खबर सामने आई। फिर उनके द्वारा हाई कोर्ट में चुनौती भी दी गई। इस पर उन्होंने कहा था कि उनके खिलाफ इंक्वायरी करने के अधिकार केवल ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के पास हैं, पुलिस अधिकारी इन्वेस्टिगेशन कर सकते हैं, इंक्वायरी नहीं।

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