होम / Rajya Sabha Elections: सोनिया के लिए आसान नही है प्रत्याशियों का चयन

Rajya Sabha Elections: सोनिया के लिए आसान नही है प्रत्याशियों का चयन

Vir Singh • LAST UPDATED : April 9, 2022, 6:20 pm IST
ADVERTISEMENT

संबंधित खबरें

Rajya Sabha Elections: सोनिया के लिए आसान नही है प्रत्याशियों का चयन

Rajya Sabha Elections

Rajya Sabha Elections

अजीत मैंदोला, इंडिया न्यूज:

Rajya Sabha Elections कांग्रेस की अंतरिम अध्य्क्ष सोनिया गांधी के लिये जून जुलाई में खाली होने वाली राज्यसभा सीटो को भरना एक बड़ी चुनोती होगी।क्योंकि सीट गिनती की हैं और दावेदारों की संख्या ज्यादा है।इसमें भी युवा बनाम अनुभव वाला पेंच है।राहुल गांधी के करीबी तो उम्मीद लगाएं हैं कि इस बार नँबर आ ही जायेगा वहीं दूसरी तरफ पुराने दिग्गज कोई कोर कसर नही छोड़ना चाहते है।इसके साथ राज्यों का समीकरण साधना भी बड़ी चुनोती होगी। अब खाली होने वाली 55 सीटों में से कांग्रेस के हिस्से में केवल 8 सीटे ही आएंगी।अप्रेल में 19 में से कांग्रेस को केवल एक सीट केरल से मिली।लगातार राज्यों में हार के चलते कांग्रेस राज्यसभा में इस साल के आखिर तक अब तक की सबसे कमजोर स्थिति में आ जायेगी।जैसे तैसे सदन में दो तीन सीटों से विपक्ष का नेता पद बचा रह सकता है।

दिग्गज नेताओं का कार्यकल समाप्त होने जा रहा

खाली हो रही सीट से बड़े बड़े दिग्गज नेताओं का कार्यकल समाप्त होने जा रहा है। इनमे अंबिका सोनी,पी चिदंबरम, जयराम रमेश,आनंद शर्मा,कपिल सिब्बल ओर विवेक तन्खा जैसे चेहरे शामिल हैं।गुलाम नवी आजाद का पहले ही कार्यकाल समाप्त हो चुका है।सोनिया गांधी की चुनोती यहीं से शुरू होती है।अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि चुनींदा सीटों पर वह किसे मौका दे।क्योंकि पार्टी पहले ही ऐसे दौर से गुजर रही है जहाँ पर एक भी फैसला गलत साबित हो सकता है।

वापसी चाहते हैं रिटायर होने वाले अधिकांश चेहरे

रिटायर होने वाले अधिकांश चेहरे वापसी चाहते हैं, लेकिन इस बार सब कुछ बहुत आसान नही है। संकट यही है कि किसे कहाँ से लाया जाए।पार्टी में जिस तरह की गुटबाजी चल रही है उसमें फैसला आसान नही है।राज्यसभा के लिये अभी तक राहुल गांधी ही नामों को अंतिम रूप देते रहे हैं।उनकी खुद की एक टीम है।उनकी कोर टीम के एक सदस्य केसी वेणुगोपाल राजस्थान से पहले ही राज्यसभा में है।इनके अलावा उनकी टीम के दूसरे सदस्य अजय माकन,रणदीप सिंह सुरजेवाला, जितेंद्र सिंह पूरी उम्मीद लगाए हुए हैं कि इस बार नंबर आ जाएगा।

इनके साथ महासचिव अविनाश पांडे और मुकुल वासनिक भी कोशिश में लगे बताए जाते हैं। रिटायर वाले गुलाम नबी आजाद,अंबिका सोनी,जयराम रमेश,पी चिदंबरम,आनंद शर्मा,कपिल सिब्बल,विवेक तन्खा में से एक दो की ही वापसी तय मानी जा रही है।इनमे एक विवेक तन्खा तो दूसरे जयराम रमेश की उम्मीद है।पी चिदम्बरम भी वापसी की कोशिश में लगे हैं।इनके साथ एक बड़ा नाम है मीरा कुमार का।वह आज कल नाराज बताई जाती हैं। वह भी चाहती हैं उन्हें राज्यसभा की सीट मिले।बिहार में कांग्रेस जिस तरह से अलग थलग पड़ी है। उसमें बिहार के लिये कांग्रेस को एक नेता चाहिये। मतलब अधिकांश नेताओं की कोशिश है कि राज्यसभा का जुगाड़ लगाया जाए जिससे लोकसभा का चुनाव लड़ने से बचा जाये।

जानिए सीटों का क्या है गणित

अब सीटों का गणित इस प्रकार है। तमिलनाडू से डीएमके एक सीट कांग्रेस को दे सकती है।बिहार में राजद के हिस्से में दो सीट हैं कांग्रेस को एक भी नही मिलेगी।लेकिन राहुल गांधी की बिहार के वरिष्ठ नेता शरद यादव की मुलाकात फिर से राजद के साथ तार जोड़ सकते है।यादव ने अपनी पार्टी का विलय राजद में कर दिया है।उम्मीद की जा रही है कि उन्हें राज्यसभा से लाया जा सकता है।

ऐसे में ले दे कर कांग्रेस की तीन सीट राजस्थान से,एक मध्य्प्रदेश से,दो छत्तीसगढ़ से और एक हरियाणा से पक्की हैं।राजस्थान पर सबसे ज्यादा नजरें नेताओं की लगी हुई हैं।जैसे कि परंपरा रही है कि एक सीट लोकल वाले याने राजस्थान के किसी नेता को दी जाएगी।बची दो सीट के लिये राहुल के करीबी पूरी उम्मीद लगाए हैं।बाकी नेताओं की भी नजरें राजस्थान पर ही लगी हैं। चलाने वालों ने तो प्रियंका गांधी का नाम राजस्थान से चलाना शुरू कर दिया है।दो साल पहले प्रियंका का नाम मध्य्प्रदेश से भी चलाया गया था।

राजस्थान के साथ मध्य्प्रदेश में भी बड़ा पेंच

राजस्थान के साथ मध्य्प्रदेश में भी बड़ा पेंच है। पार्टी ने कमलनाथ को 2023 के लिये अपना चेहरा घोषित कर दिया है।यूँ कहा जा सकता है कि मध्य्प्रदेश में जो कुछ होगा सब कमलनाथ तय करेंगे।मतलब अगर वह अध्य्क्ष और विधायक दल नेता पद पर बने रहना चाहते हैं तो वह ही तय करेंगे।ऐसे में बाकी नेताओं को कैसे राजी किया जाये आलाकमान के लिये यह बड़ी चुनोती है।राज्यसभा की एक सीट पर तीन दावेदार हैं।पहले विवेक तन्खा हैं।उन्हें एडजस्ट करना जरूरी है।सीनियर वकील हैं।दो बातें चल रही हैं तन्खा को छत्तीसगढ़ से लाया जाए और मप्र से अरुण यादव और अजय सिंह में से किसी को मौका दिया जाए।तन्खा राजी होंगे इसको लेकर आशंका है।ऐसे में एक सीट छत्तीसगढ़ की बचती है और एक हरियाणा की।

राज्यसभा में भी कांग्रेस खो सकती है पद

छत्तीसगढ़ में दूसरे राज्य वाले को एक सीट दी जाती है तो दूसरी लोकल को दी जायेगी। रहा सवाल हरियाणा का तो भूपेंद्र सिंह हुड्डा को पार्टी की कमान सौंपी जाती है तो प्रदेश अध्य्क्ष शैलजा को राज्यसभा से मौका मिल सकता है।इन हालात में सोनिया गांधी के लिये खाली होने वाली राज्यसभा की सीटों को भरना बहुत आसान नहीं होगा। पँजाब,उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में हुई करारी हार ने कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है। पंजाब ओर उत्तराखंड से उसे करीबी 6 सीट का नुकसान हुआ है। करीबी 17 राज्य ऐसे हैं जहाँ से कांग्रेस का एक भी प्रतिनिधि कांग्रेस में नही होगा। कुल 30 सदस्य रह गए हैं। जुलाई के बाद यह संख्या और कम होगी। विपक्ष के नेता पद के लिये 25 सीट चाहिये। कांग्रेस ने अगर राज्यों में वापसी नही की तो राज्यसभा में भी कांग्रेस नेता पद खो सकती है।

Also Read : Politics On Names Of Districts And Cities In UP: उत्तर प्रदेश में अब 12 जिलों का नाम बदलने पर विचार

Connect With Us : Twitter | Facebook Youtube

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

सीएम मोहन यादव का यूरोपीय देशों का दौरा, औद्योगिक विकास को वैश्विक स्तर पर करेंगे प्रस्तुत
सीएम मोहन यादव का यूरोपीय देशों का दौरा, औद्योगिक विकास को वैश्विक स्तर पर करेंगे प्रस्तुत
खूनी बवासीर ने रूला दिया है आपको, तो इन 4 आयुर्वेदिक तरीको से तुरंत मिलेगी राहत, कमजोरी और थकान को उम्र भर के लिए कर देगी दूर!
खूनी बवासीर ने रूला दिया है आपको, तो इन 4 आयुर्वेदिक तरीको से तुरंत मिलेगी राहत, कमजोरी और थकान को उम्र भर के लिए कर देगी दूर!
ड्रैगन ने फिर चली लोमड़ी चाल, पाकिस्तान के बाद भारत का यह भी पड़ोसी हुआ ‘कंगाल’, अब जिनपिंग के खिलाफ PM मोदी उठाएंगे ये कदम
ड्रैगन ने फिर चली लोमड़ी चाल, पाकिस्तान के बाद भारत का यह भी पड़ोसी हुआ ‘कंगाल’, अब जिनपिंग के खिलाफ PM मोदी उठाएंगे ये कदम
Sambhal Hinsa: जिला प्रशासन ने संभल हिंसा पर जारी की एक अहम अधिसूचना,सुरक्षा व्यवस्था पर कड़ी निगरानी
Sambhal Hinsa: जिला प्रशासन ने संभल हिंसा पर जारी की एक अहम अधिसूचना,सुरक्षा व्यवस्था पर कड़ी निगरानी
ब्रह्म मुहूर्त में उठकर जो कर लिया इन 3 शक्तिशाली मंत्रो का जाप, 3 महीनों में बैकाबू हो उठेगा कूबेर खजाना!
ब्रह्म मुहूर्त में उठकर जो कर लिया इन 3 शक्तिशाली मंत्रो का जाप, 3 महीनों में बैकाबू हो उठेगा कूबेर खजाना!
दिल्ली एनसीआर में बढ़ते पॉल्यूशन को लेकर प्रसासन का एक्शन, जाने क्या है ग्रेप 4 के नियम…
दिल्ली एनसीआर में बढ़ते पॉल्यूशन को लेकर प्रसासन का एक्शन, जाने क्या है ग्रेप 4 के नियम…
संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू, अडानी-मणिपुर मुद्दे पर विपक्ष कर सकता है चर्चा की मांग, जानें किन बिलों को लाने की तैयारी में केंद्र सरकार
संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू, अडानी-मणिपुर मुद्दे पर विपक्ष कर सकता है चर्चा की मांग, जानें किन बिलों को लाने की तैयारी में केंद्र सरकार
इस राजपूत राजा ने सबसे पहले मुगलों में की थी अपनी बटी की शादी, आमेर किला नहीं एक रहस्यमयी इतिहास! जाने क्या इसके पिछे की कहानी?
इस राजपूत राजा ने सबसे पहले मुगलों में की थी अपनी बटी की शादी, आमेर किला नहीं एक रहस्यमयी इतिहास! जाने क्या इसके पिछे की कहानी?
MP Weather Update: ठंड का बढ़ता प्रकोप, तपमान में तेजी से गिरावत
MP Weather Update: ठंड का बढ़ता प्रकोप, तपमान में तेजी से गिरावत
UP Weather Update: ठंडी हवा और कोहरे का प्रकोप, तापमान में जल्द बढ़ेगी गिरावट
UP Weather Update: ठंडी हवा और कोहरे का प्रकोप, तापमान में जल्द बढ़ेगी गिरावट
एक हो जाएंगे चाचा-भतीजा! महाराष्ट्र में हार पर छलका शरद पवार का दर्द, NCP और अजित पवार को लेकर अब ये क्या कह दिया?
एक हो जाएंगे चाचा-भतीजा! महाराष्ट्र में हार पर छलका शरद पवार का दर्द, NCP और अजित पवार को लेकर अब ये क्या कह दिया?
ADVERTISEMENT