इंडिया न्यूज:
दिल्ली सहित देश के कई हिस्सों में गर्मी का प्रकोप जारी है। मौसम गर्म होने से लोगों की परेशानियां बढ़ रही है। गर्मी जितनी बढ़ जाए, पूरे दिन व्यक्ति घर पर एसी में नहीं बैठ सकता है। काम के लिए घर से बाहर निकलना पड़ेगा और बाहर निकलते ही लू के थपेड़ों से सामना होता है।
बता दें कि लू को हल्के में लेने के की कोशिश ना करें नहीं तो लापरवाही मौत का कारण भी बन सकती हैं। वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय ने लू चलने के दौरान क्या करना है और क्या नहीं, इसे लेकर कुछ सुझाव जारी किए हैं। तो आइए जानते हैं इस गर्मी में लू लगने का कारण क्या, बचने के उपाए।
दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक धूप में बाहर न निकलें। अगर बाहर निकलना जरूरी है तो सावधानी बरतें और धूप से बचाव के इंतजाम के साथ निकलें। इतनी प्रचंड गर्मी में बुजुर्ग, पहले से बीमार लोग, कमजोर इम्यून वाले लोगों को लू लगने का ज्यादा खतरा रहता है। इसलिए इन लोगों को अपना बचाव करने की ज्यादा जरूरत रहती है।
ज्यादातर राज्यों में पारा नीचे आने के आसार नहीं हैं। उत्तर पश्चिम और मध्य भारत में अगले 5 दिनों तक लू चलती रहेगी। राजस्थान, मध्य प्रदेश, विदर्भ में अगले 4 दिनों तक लू (हीटवेव) का आॅरेंज अलर्ट जारी है।
दिल्ली में 29 अप्रैल को तापमान 43.5 डिग्री रिकॉर्ड दर्ज किया गया। गुरुग्राम में 28 अप्रैल को पारा 45.6 डिग्री दर्ज किया गया। मध्य प्रदेश के खजुराहो और नौगांव में पारा 45.6 डिग्री तक पहुंच चुका है। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 45.9 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। महाराष्ट्र में अकोला 45.4 डिग्री और ब्रम्हपुरी 45.32 डिग्री पारा दर्ज किया गया। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान समेत 18 राज्यों के 20 से ज्यादा शहरों में पारा 45 डिग्री से ऊपर जा चुका है।
बॉडी गर्म और लाल हो जाती है। पसीना आना एकदम बंद हो जाता है। दिल की धड़कन भी तेज हो जाती है। कई बार सांस तेज चलने लगती है। कभी- कभी चक्कर आने लगते हैं। हाथ पैर अचानक ऐंठने लगते हैं। स्किन ड्राई होने लगती है।
शरीर जल्दी थका हुआ महसूस करने लगेगा। दर्द और सर्दी-खांसी की परेशानी हो सकती है। बॉडी डिहाइड्रेट हो सकती है। उल्टी-दस्त की समस्या भी हो सकती है।
अगर घर से बाहर कोई काम नहीं हो तो धूप में बाहर नहीं जाना चाहिए। इससे लू लग सकती है। दोपहर के समय बाहर में ज्यादा मेहनत वाला काम नही करें। दोपहर 12 से चार बजे तक घर से बाहर न ही निकले तो अच्छा रहेगा। शराब, चाय, कॉफी और सॉफ्ट ड्रिंक न पिएं। धूप में खड़ी कार के अंदर बच्चों या पालतू जानवरों को न छोड़ें। धूप में डार्क कलर, सिंथेटिक और टाइट कपड़े पहनकर न जाएं।
अगर कोई व्यक्ति बेहोश है या उल्टी कर रहा है तो उसे पीने के लिए कुछ न दें। बॉडी टेम्परेचर कम करने के लिए अपने मन से दवा न दें। मरीज को ऐसे कमरे में न रखें, जहां सीधी धूप आती है। एसी वाले कमरे से उठकर सीधे धूप में ना जाएं। धूप से आकर तुरंत हाथ-मुंह न धोएं।
बेल का रस लेने से शरीर ठंडा रहता है। गर्मी के मौसम में दस्त और डायरिया की समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। बेल इससे राहत देता है। आम पन्ना बॉडी को हाइड्रेट करता है। डाइजेस्टिव सिस्टम सही रखता है। फूड पॉइजनिंग से बचाता है। हरी सब्जियों में हरी सब्जियों में कैरोटीनॉयड होता है, जो बॉडी में विटामिन-ए बनाने का काम करता है। कड़ी धूप में ये स्कीन को प्रोटेक्ट करता है। साथ ही शरीर का तापमान सामान्य रखता है। तरबूज, खरबूज, खीरा, ककड़ी जैसे फल खाएं। इनमें पानी होता है, जो डिहाइड्रेशन से बचाता है। तरबूज में मौजूद लाइकोपीन त्वचा को धूप में नुकसान पहुंचाने से बचाता है।
सबसे पहले तो व्यक्ति को डॉक्टर से सलाह लेने चाहिए। धूप में नहीं जाना चाहिए। शरीर में गीला कपड़ा लपेटें। अंडरआर्म्स और पीठ पर बर्फ घिसें। इससे शरीर से गर्मी निकल जाएगी। ज्यादा से ज्यादा पानी, लस्सी और जूस पिएं।
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