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इंडिया न्यूज । संस्कृत विद्वान डाॅ रमाकांत शुक्ल (Dr Ramakant Shukla) का निधन हाेने से देश को क्षति पहुंची है। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने भी संवेदनाएं प्रकट की हैं। बता दें कि डॉ रमाकांत शुक्ल का बुधवार को निधन हो गया था। बताया जाता है कि ट्रेन में सफर के दौरान उनकी तबीयत बिगड़ी और अलीगढ़ स्टेशन पहुंचते ही उन्होंने देह त्याग दिया। पद्मश्री से सम्मानित डाॅ रमाकांंत शुक्ल 82 वर्ष के थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डाॅ रमाकांत शुक्ल के आकस्मिक निधन पर शोक प्रकट किया है। उन्होंने अपने टि़वटर हैंडल पर उन्हें याद करते हुए लिखा
संस्कृत और हिन्दी साहित्य जगत में अमूल्य योगदान देने वाले डॉ. रमाकांत शुक्ल जी के देहावसान से अत्यंत दुख हुआ है। शोक की इस घड़ी में उनके परिजनों और प्रशंसकों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। ॐ शांति!
— Narendra Modi (@narendramodi) May 12, 2022
संस्कृत और हिन्दी साहित्य जगत में अमूल्य योगदान देने वाले डॉ. रमाकांत शुक्ल जी के देहावसान से अत्यंत दुख हुआ है। शोक की इस घड़ी में उनके परिजनों और प्रशंसकों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। ॐ शांति!
डाॅ रमाकांत शुक्ल को वर्ष 2015 में भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया था। उनके परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार डाॅ शुक्ल झारखंड में आयोजित होने वाले एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने देवघर जा रहे थे। बताया जाता है कि उन्हें ट्रेन की बी 2 बोगी में चढ़ना था। लेकिन वे गलती से दूसरी बोगी में चढ़ गए। इसके बाद उन्हें घबराहट होने लगी और इसकी सूचना रेल कर्मचारियों को दी गई। अलीगढ़ स्टेशन पर ट्रेन रुकवाई गई जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
डाॅ रमाकांत शुक्ल दिल्ली विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले राजधानी कालेज के हिंदी विभाग में सेवाएं देते रहे। वर्ष 2005 में यहां से सेवानिवृत्त होने के बाद उन्होंने संस्कृत भाषा के प्रचार प्रसार की ओर ध्यान देना शुरू किया। वे संस्कृत भाषा के उत्थान से जुड़ी संस्था देववाणी परिषद के ये संस्थापक थे। इसके अलावा पंडित राज महोत्सव का आयोजन इनकी देखरेख में होता था।
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