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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
बीते सोमवार को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में राजधानी दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया। मंगलवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई कोर्ट) ने पूछताछ के लिए 9 जून तक ईडी की हिरासत में भेज दिया है।
उधर, आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जैन के बचाव में कहा है कि उन्होंने सत्येंद्र जैन के केस का खुद अध्ययन किया है और यह मामला पूरी तरह से फर्जी है। तो आइए मनी लॉन्ड्रिंग क्या है, सत्येंद्र जैन पर कौन से लगे हैं आरोप।
जैसा कि बताया जाता है कि मनी लॉन्ड्रिंग बड़ी मात्रा में अवैध रुपये को वैध बनाने की प्रक्रिया है। मतलब ब्लैक मनी को वाइट करने को मनी लॉन्ड्रिंग कहते हैं। ब्लैक मनी वो रुपया है, जिसकी कमाई का कोई स्रोत नहीं होता, यानी उस पर कोई टैक्स नहीं दिया गया है। मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ऐसा लगता है कि पैसा किसी लीगल सोर्स से आया है, लेकिन वास्तव में पैसे का मूल सोर्स कोई आपराधिक या अवैध गतिविधि होती है। धोखेबाज इस प्रोसेस का इस्तेमाल अवैध रूप से एकत्र पैसे को छिपाने के लिए करते हैं।
सीधे शब्दों में कहें तो मनी लॉन्ड्रिंग पैसे के सोर्स को छुपाने की प्रक्रिया है, जो अक्सर अवैध गतिविधियों जैसे ड्रग्स की तस्करी, भ्रष्टाचार, गबन या जुएं से मिलता है। यानी अवैध तरीके से मिले पैसे को एक वैध स्रोत में परिवर्तित करने की प्रक्रिया को मनी लॉन्ड्रिंग कहा जाता है। मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए ड्रग डीलर से लेकर बिजनेसमैन, भष्ट अधिकारी, माफिया, नेता तक करोड़ों से लेकर अरबों रुपए तक के फ्रॉड (धोखाधड़ी) करते हैं।
इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय का कहना है कि जैन की कंपनियों को कोलकाता की शेल कंपनी से हवाला के जरिए पैसा मिला। हवाला ट्रांजैक्शन भी मनी लॉन्ड्रिंग के तहत आता है। इतिहास कहता है कि हवाला की शुरूआत साउथ एशिया में 8वीं शताब्दी के दौरान हुई थी। 1990 के दशक में भारत में हवाला ट्रांजैक्शन खूब चर्चा में रहा था।
हवाला सिस्टम में दो पक्षों के बीच पैसों का लेनदेन उनकी ओर से स्थानीय एजेंट बिना बैकिंग सिस्टम को शामिल करते हैं। यानी रुपये को दुनिया में एक जगह से दूसरी जगह अवैध रूप से ट्रांसफर करने को हवाला कहते हैं। इसमें एक रुपये भेजने वाला और दूसरा रुपये पाने वाला होता है और उनके बीच में कम से कम दो बिचौलिए होते हैं। इसके लिए न तो बैंकों की जरूरत है और न ही करेंसी एक्सचेंज की।
हवाला में सबसे अहम भूमिका एजेंट या बिचौलिए की होती है। क्योंकि ये बिचौलिए किसी लेनदेन का रिकॉर्ड नहीं छोड़ते हैं। यही वजह है कि हवाला के जरिए ट्रांसफर होने वाला रुपया कहां से निकल कर कहां पहुंचा। इसका पता लगना मुश्किल हो जाता है। इसीलिए हवाला का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर भ्रष्टाचार और टेरर फंडिंग तक में होता है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 2017 में जैन और उनके परिवार पर 1.62 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाते हुए केस दर्ज किया था। और कहा था कि जैन और उनके परिवार ने चार छोटी शेल फर्म बनाते हुए 2011-12 में 11.78 करोड़ रुपए और 2015-16 में 4.63 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग की थी। सीबीआई के इसी केस के आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच शुरू की थी। शेल फर्म ऐसी कंपनियां होती है, जिनका वास्तव में कोई बिजनेस नहीं होता है। इसलिए इन्हें कागजी कंपनी भी कहा जाता है।
सीबीआई ने अपनी शिकायत में कहा था कि जैन इन चार कंपनियों को मिले धन के सोर्स के बारे में नहीं बता सके, जिनमें वह शेयरधारक थे। बीते माह ईडी ने सत्येंद्र जैन और उनके परिवार से जुड़ी चार कंपनियों के अलावा एक और कंपनी से जुड़ी 4.81 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को कुर्क किया था। इन कंपनियों में अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, इंडो मेटल इंपेक्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रयास इंफोसॉल्यूशन्स प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और जेजे आइडियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।
ईडी का कहना है कि 2015-16 में सत्येंद्र जैन के स्वामित्व वाली इन कंपनियों को कुछ शेल कंपनियों से 4.81 करोड़ रुपये मिले थे। ये पैसा हवाला रूट के जरिये कोलकाता स्थित एंट्री आॅपरेटरों को ट्रांसफर किए गए कैश के बदले इन शेल कंपनियों से मिला था। इस पैसे का इस्तेमाल जमीन की सीधी खरीद या दिल्ली और उसके आसपास खेती भूमि की खरीद को लेकर लिए गए लोन को चुकाने के लिए किया गया था। सीबीआई ने जांच में कहा था कि सत्येंद्र जैन ने 2010-2016 के दौरान उनके स्वामित्व वाली कंपनियों के नाम पर दिल्ली में 200 बीघा जमीन खरीदी थी और कई करोड़ रुपए काले धन की लॉन्ड्रिंग की थी।
अमेरिका का मानना है कि 9/11 हमले के लिए फंड जुटाने के लिए अलकायदा ने हवाला नेटवर्क का ही इस्तेमाल किया था। 2018 में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, दुबई में हवाला जैसे साधनों का इस्तेमाल कर अब भी विदेशी कामगार भारत, फिलीपिंस जैसे देशों में अपने परिवारों को पैसे भेजते हैं। उस साल इस तरह से दुबई से 240 करोड़ रुपए भेजे गए थे। इसकी वजह ये है कि हवाला से पैसे भेजने में लगने वाली फीस बैंकों की ओर से ली जाने वाली फीस से कम होती है।
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की प्रवर्तन निदेशालय की गिरफ्तारी को आम आदमी पार्टी (आप) ने हिमाचल प्रदेश विधान सभा चुनावों से जोड़ा है। पार्टी का मानना है कि इस समय बतौर हिमाचल प्रदेश प्रभारी काम रहे सत्येंद्र जैन के आक्रामक प्रचार अभियान से भाजपा डर गई है। इसी वजह से उनको जेल भेज दिया गया है। पार्टी ने चुनौती दी है कि केंद्र की भाजपा सरकार आप के कितने भी नेताओं को जेल भेज दे। वह आम लोगों के हक में आवाज उठाना बंद नहीं करेंगे।
प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट 2002: इस एक्ट में मनी लॉन्ड्रिंग के दोषी को जेल हो सकती है। यह कानून मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल पक्षों की संपत्ति को जब्त करने का अधिकार देता है। इसे हवाला मार्केट पर रोक के लिए बनाया गया है। ताकि उसका इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों और टेरर फंडिंग में नहीं हो सके।
इंडियन कस्टम्स एक्ट 1962: इस एक्ट में तस्करी अनुचित इंपोर्ट और एक्सपोर्ट और एक्सपोर्टर की गलत जानकारी जैसे क्राइम के लिए जेल से कठोर दंड का प्रावधान है। इनकम टैक्स एक्ट 1961: यह एक्ट मनी लॉन्ड्रिंग से लड़ने और टैक्स चोरी के दोषियों को दंडित करने के लिए बनाया गया है।
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