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Lakhimpur Violence : So is this statement of the minister responsible for the violence.
इंडिया न्यूज, लखीमपुर:
किसानों का शांतिपूर्वक चल रहा संघर्ष किस तरह हिंसक हो जाता है यह हम सभी ने रविवार को देख लिया। पूरा दिन किसान अपना विरोध जताते रहे परंतु शाम होते ही ऐसी घटना घटी की देखते ही देखते कई लोगों की जान चली गई। अब प्रश्न यह उठता है कि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए कौन सा कारण जिम्मेदार होगा। कहीं केंद्रीय मंत्री का वह बयान तो इसका जिम्मेदान नहीं जो उन्होंने कुछ दिन पहले दिया था। खैर जो भी हो इस घटना के बाद पूरे देश के किसानों में गुस्सा है और सभी राजनीतिक दल (विपक्षी) किसानों के साथ खड़े होने का दावा कर रहे हैं।
इस बीच केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा का कुछ दिन पहले दिया बयान अब खूब वायरल हो रहा है। बताया जा रहा है कि मंत्री अजय मिश्र टेनी ने एक सभा को संबोधित करते हुए आंदोलनकारियों को सुधर जाने की हिदायत दी थी। इस सभा में उन्होंने कहा था-‘आप भी किसान हैं आप क्यों नहीं उतर गए आंदोलन में…अगर मैं उतर जाता तो उनको भागने का रास्ता नहीं मिलता। पीठ पीछे काम करने वाले 10-15 लोग यहां पर शोर मचाते हैं तो फिर तो पूरे देश में आंदोलन फैल जाना चाहिए था। क्यों नहीं फैला दस ग्यारह महीने हो गए? मैं ऐसे लोगों को कहना चाहता हूं सुधर जाओ…नहीं तो सामना करो आकर हम आपको सुधार देंगे दो मिनट लगेगा केवल…मैं केवल मंत्री नहीं हूं या केवल सांसद या विधायक नहीं हूं। जो लोग हैं विधायक या मंत्री बनने से पहले मेरे बारे में जानते होंगे कि मैं किसी चुनौती से भागता नहीं हूं…।’बताया जा रहा है कि रविवार को लखीमपुर के हालात बिगड़ने के पीछे काफी हद तक मंत्री अजय मिश्र के इस बयान की भूमिका है।
केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्र खुद को पेशे से किसान और व्यवसायी बताते हैं। वह 2012 के विधानसभा चुनाव में लखीमपुर-खीरी की निघासन सीट से जीते थे। साल-2014 में भाजपा ने उन्हें खीरी लोकसभा सीट से टिकट दिया। इस चुनाव में वह करीब 1.10 लाख वोटो से बसपा के अरविंद गिरि से विजयी रहे। 2019 में भी उन्होंने जीत का यह सिलसिला कायम रखते हुए समाजवादी पार्टी की पूर्वी वर्मा को सवा दो लाख वोटों के अंतर से हराया।
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रविवार को हुई इस घटना के बाद न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि हरियाणा, पंजाब और अन्य पड़ौसी राज्यों में तनाव की स्थिति बनी हुई है। वहीं किसान संगठनों ने फैसला किया है कि पूरे प्रदेश में जिलाधिकारी कार्यालयों पर प्रदर्शन करेंगे।
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