होम / Live Update / Lack of Internal Democracy in Parties पार्टियों में आंतरिक लोकतंत्र का अभाव

Lack of Internal Democracy in Parties पार्टियों में आंतरिक लोकतंत्र का अभाव

India News Editor • LAST UPDATED : October 12, 2021, 12:19 pm IST
ADVERTISEMENT
Lack of Internal Democracy in Parties पार्टियों में आंतरिक लोकतंत्र का अभाव

Lack of Internal Democracy in Parties

Lack of Internal Democracy in Parties

वेद प्रताप वैदिक
वरिष्ठ पत्रकार

देश के भले के लिए मोदी आनन-फानन फैसले करते हैं और छोटे-से-छोटे अफसर से सलाह करने में भी उन्हें कोई संकोच नहीं होता। अमित शाह ने ऐसे कई कदम गिनाए जो मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्नी और भारत के प्रधानमंत्नी रहते हुए उठाए और उन अपूर्व कदमों से लोककल्याण संपन्न हुआ। क्या नरेंद्र मोदी तानाशाह हैं?
एक टीवी चैनल के इस प्रश्न का जवाब देते हुए गृह मंत्नी अमित शाह ने कहा कि नहीं, बिल्कुल नहीं। यह विरोधियों का कुप्रचार-मात्न है। नरेंद्र मोदी सबकी बात बहुत धैर्य से सुनते हैं। इस समय मोदी सरकार जितने लोकतांत्रिक ढंग से काम कर रही है, अब तक किसी अन्य सरकार ने नहीं किया। देश के भले के लिए मोदी आनन-फानन फैसले करते हैं और छोटे-से-छोटे अफसर से सलाह करने में भी उन्हें कोई संकोच नहीं होता। अमित शाह ने ऐसे कई कदम गिनाए जो मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्नी और भारत के प्रधानमंत्नी रहते हुए उठाए और उन अपूर्व कदमों से लोककल्याण संपन्न हुआ। अमित भाई के इस कथन से कौन असहमत हो सकता है?

क्या हम भारत के किसी भी प्रधानमंत्नी के बारे में कह सकते हैं कि उसने लोक-कल्याण के कदम नहीं उठाए? चंद्रशेखर, देवगौड़ा और इंद्र कुमार गुजराल तो कुछ माह तक ही प्रधानमंत्नी रहे लेकिन उन्होंने भी कई उल्लेखनीय कदम उठाए। शास्त्नीजी, मोरारजी देसाई, चौधरी चरण सिंह और वी।पी। सिंह भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए लेकिन उन्होंने भी भरसक कोशिश की कि वे जनता की सेवा कर सकें। जवाहरलाल नेहरु , इंदिरा गांधी, नरसिंहराव, अटलजी और राजीव गांधी की आप जो भी कमियां गिनाएं लेकिन इन पूर्वकालिक प्रधानमंत्रियों ने कई ऐतिहासिक कार्य संपन्न किए। मनमोहन सिंह ने भी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में उल्लेखनीय योगदान किया। इसी प्रकार नरेंद्र मोदी भी लगातार कुछ न कुछ योगदान कर रहे हैं, इससे इंकार नहीं किया जा सकता। यदि उनका योगदान शून्य होता तो भारत की जनता उन्हें 2014 में दुबारा क्यों चुनती? उनका वोट प्रतिशत क्यों बढ़ जाता? सारा विपक्ष मोदी को अपदस्थ करने के लिए बेताब है लेकिन वह एकजुट क्यों नहीं हो पाता है? क्योंकि उसके पास कोई ऐसा मुद्दा नहीं है। उसके पास न तो कोई नेता है, न ही कोई नीति है। यह तथ्य है, इसके बावजूद यह मानना पड़ेगा कि देश की व्यवस्था में हम कोई मौलिक परिवर्तन नहीं देख पा रहे हैं।

यह ठीक है कि कोरोना महामारी का मुकाबला सरकार ने जमकर किया और साक्षरता भी बढ़ी है। धारा-370 और तीन तलाक को खत्म करना भी सराहनीय रहा। गरीबों, पिछड़ों, दलितों, किसानों और सभी वंचितों को तरह-तरह के तात्कालिक लाभ भी इस सरकार ने दिए हैं लेकिन अभी भी राहत की पारंपरिक राजनीति ही चल रही है। इसका मूल कारण हमारे नेताओं में सुदूर और मौलिक दृष्टि का अभाव है। वे अपनी नीतियों के लिए नौकरशाहों पर निर्भर हैं। नौकरशाहों की यह नौकरी तानाशाही से भी बुरी है। सभी पार्टियों में आंतरिक लोकतंत्न शून्य होता जा रहा है। यही बात चिंतित करती है।

Also Read : Indian Railway Recruitment 2021 : कब होगी रेलवे ग्रुप डी की परीक्षा और कब जारी होगा एडमिट कार्ड

Also Read : Team India New Coach Selection : शास्त्री की जगह कब मिलेगा नया कोच, BCCI ने दी जानकारी

Connect With Us : Twitter Facebook

Tags:

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

International Trade Fair: अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले का आज अंतिम दिन, बंपर छूट के साथ उमड़ी भीड़ 
International Trade Fair: अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले का आज अंतिम दिन, बंपर छूट के साथ उमड़ी भीड़ 
Sambhal Violence Update: योगी सरकार का सख्त कदम! चौराहों पर लगेंगे हमलावरों के पोस्टर, होगी वसूली भी
Sambhal Violence Update: योगी सरकार का सख्त कदम! चौराहों पर लगेंगे हमलावरों के पोस्टर, होगी वसूली भी
RBSE 2024: शिक्षा निति में हुआ बड़ा बदलाव, जाने परीक्षा से पहले कहा रखे जाएंगे प्रश्नपत्र
RBSE 2024: शिक्षा निति में हुआ बड़ा बदलाव, जाने परीक्षा से पहले कहा रखे जाएंगे प्रश्नपत्र
खौफ के साये में भारत के कई राज्य! अंडमान सागर से उठा ये तूफान तबाही मचाने को तैयार, मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी
खौफ के साये में भारत के कई राज्य! अंडमान सागर से उठा ये तूफान तबाही मचाने को तैयार, मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी
टॉपलेस होकर सड़कों पर क्यों उतर रही महिलाएं, पेरिस में खुलेआम नग्न होकर जताया विरोध?
टॉपलेस होकर सड़कों पर क्यों उतर रही महिलाएं, पेरिस में खुलेआम नग्न होकर जताया विरोध?
संभल में पुलिस को बदनाम करने से पहले अखिलेश यादव देख लें ये वीडियो, मिल गया दंगे का असली “हैवान”, मुंह छुपाकर कर रहा था ये काम
संभल में पुलिस को बदनाम करने से पहले अखिलेश यादव देख लें ये वीडियो, मिल गया दंगे का असली “हैवान”, मुंह छुपाकर कर रहा था ये काम
Udaipur Royal Family: उदयपुर में राजपरिवार के बीच बढा विवाद, अब जिला मजिस्ट्रेट ने लगाया ये प्रतिबंध
Udaipur Royal Family: उदयपुर में राजपरिवार के बीच बढा विवाद, अब जिला मजिस्ट्रेट ने लगाया ये प्रतिबंध
झांसी अग्निकांड पर आई किंजल सिंह कमेटी की रिपोर्ट! दिखी बड़ी लापरवाही, अगला कदम क्या?
झांसी अग्निकांड पर आई किंजल सिंह कमेटी की रिपोर्ट! दिखी बड़ी लापरवाही, अगला कदम क्या?
JNU Sambhal Violence: यूपी भवन पर जेएनयू छात्रों का प्रदर्शन, संभल हिंसा के लिए योगी सरकार को ठहराया जिम्मेदार
JNU Sambhal Violence: यूपी भवन पर जेएनयू छात्रों का प्रदर्शन, संभल हिंसा के लिए योगी सरकार को ठहराया जिम्मेदार
‘प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट का…’, सुप्रीम कोर्ट पहुंचा संभल हिंसा का मामला, इस इस्लामिक संगठन ने अदालत से की ये मांग
‘प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट का…’, सुप्रीम कोर्ट पहुंचा संभल हिंसा का मामला, इस इस्लामिक संगठन ने अदालत से की ये मांग
कैसी थी खूंखार मुगल सेना की संरचना, जानिए अकबर-जहाँगीर सैनिकों को कितनी देते थे तनख्वाह?
कैसी थी खूंखार मुगल सेना की संरचना, जानिए अकबर-जहाँगीर सैनिकों को कितनी देते थे तनख्वाह?
ADVERTISEMENT