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Shiv Sena and Veer Savarkar: कट्टर हिंदुत्व को अपना प्राणवायु मानने वाली शिवसेना ने एक बार फिर राहुल गांधी पर पलटवार किया है। कारण है कांग्रेस नेता की वीर सावरकर पर की गई टिप्पणी। टिप्पणी से महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आ गया है। बता दें कि महाराष्ट्र में कांग्रेस शिवसेना (उद्धव गुट) गठबंधन में शामिल है। पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमारी पार्टी सावरकर का बहुत सम्मान करती है। राहुल गांधी की टिप्पणी से शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) इतनी नाराज बताई जा रही है कि वह महा विकास अघाड़ी गठबंधन से बाहर आ सकती है। आइए जानते हैं वीर सावरकर और ठाकरे परिवार का नाता कैसा रहा है?
वीर सावरकर को प्रखर हिंदुत्ववादी नेता माना जाता है। बता दें कि अंडमान जेल से साल 1921 में रिहा होने के बाद सावरकर से कई लोग मिले थे। उनसे मिलने वालों में से एक थे प्रबोधनकार ठाकरे। प्रबोधनकार बालासाहेब ठाकरे के पिता थे और जाने-माने समाज सुधारक थे। वीर सावरकर से प्रबोधनकार ठाकरे उन दिनों सामाजिक सांस्कृतिक और राजनीतिक विषयों पर चर्चा करते थे। बाल ठाकरे ने भी अपने पिता की उस विचारधारा को अपने जीवन में उतारा। बाल ठाकरे ने चार दशक बाद शिवसेना की स्थापना। इसके जरिए वो हिंदुत्व की विचारधारा को लेकर आखिर तक लड़ते रहे। इस वजह से उन्हें हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे भी कहा जाता है। बाल ठाकरे ने कई मौकों पर सावरकर के विचारों का समर्थन भी किया था।
सावरकर से ठाकरे परिवार का एक पारिवारिक रिश्ता भी है। एक कारण यह भी हे कि उद्धव ठाकरे ने राहुल गांधी के बयान पर अपनी असहमति जताई। वीर सावरकर के प्रति आदर और सम्मान जिक्र करते हुए उद्धव ने कहा कि यह कभी भी खत्म नहीं हो सकता है। जब वीर सावरकर के पुतले का साल 2003 में लोकसभा में पहली बार अनावरण किया गया तब शिवसेना के सांसदों ने इसका जश्न मनाया था। हालांकि, अब उद्धव ठाकरे के गुट खुद एनसीपी और कांग्रेस के साथ है। बावजूद इसके उद्धव अपनी हिंदुत्ववादी छवि और विचारधारा को छोड़ना नहीं चाहते है। न सिर्फ उद्धव बल्कि राज्य की सत्ता पर काबिज मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी हिंदुत्व का रास्ता पकड़कर चल रहे हैं।
एनसीपी प्रमुख शरद पवार भी दिसंबर 2021 में वीर सावरकर की तारीफ कर चुके हैं। पवार ने तब कहा था कि सावरकर सिर्फ एक हिंदुत्ववादी नेता ही नहीं थे बल्कि हिंदुत्व के प्रति उनकी एक आधुनिक सोच भी थी। उन्होंने अपने समय में मंदिरों में दलितों के प्रवेश को लेकर भी आवाज उठाई थी और उसमें सुधार करने का प्रयास किया था। यह सावरकर ही थे जिन्होंने इस बात को भी मुक्त रूप से कहा था कि गाय का मांस और दूध मनुष्य को खाना चाहिए। गाय एक दूध देने वाला जानवर है न की मां, उन्होंने यह भी कहा था।
राहुल गांधी को ‘मोदी सरनेम’ मामले में दोषी ठहराए गए थे। दोषी ठहराए जाने के बाद उनकी संसद सदस्यता रद्द कर दी गई। इस घटना के बाद कांग्रेस नेता ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उनसे एक पत्रकार ने मामले में माफी मांगने की संभावनाओं का जिक्र किया। पत्रकार के सवाल बाद उन्होंने कहा, “मेरा नाम सावरकर नहीं है, मेरा नाम गांधी है और गांधी किसी से माफी नहीं मांगते।”
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