संबंधित खबरें
‘कुछ लोग खुश है तो…’, महाराष्ट्र में विभागों के बंटवारें के बाद अजित पवार ने कह दी ये बड़ी बात, आखिर किस नेता पर है इनका इशारा?
कांग्रेस को झटका देने की तैयारी में हैं उमर अब्दुल्ला? पिछले कुछ समय से मिल रहे संकेत, पूरा मामला जान अपना सिर नोंचने लगेंगे राहुल गांधी
खतरा! अगर आपको भी आया है E-Pan Card डाउनलोड करने वाला ईमेल? तो गलती से ना करें क्लिक वरना…
मिल गया जयपुर गैस टैंकर हादसे का हैवान? जांच में हुआ चौंकाने वाला खुलासा, पुलिस रह गई हैरान
भारत बनाने जा रहा ऐसा हथियार, धूल फांकता नजर आएगा चीन-पाकिस्तान, PM Modi के इस मास्टर स्ट्रोक से थर-थर कांपने लगे Yunus
‘जर्सी नंबर 99 की कमी खलेगी…’, अश्विन के सन्यास से चौंक गए PM Modi, कह दी ये बड़ी बात, क्रिकेट प्रशसंक भी रह गए हैरान
India News (इंडिया न्यूज़), Economic Crisis in World, दिल्ली: यूरोप की सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था माने जाने वाली जर्मनी की अर्थव्यवस्था बहुत मुश्किल का सामना कर रही है। सबसे पहले कोरोनावायरस महामारी और अब यूक्रेन में युद्ध का प्रभाव अर्थव्यवस्था को बहुत भारी पड़ रहा है। मुद्रास्फीति, बढ़ती ऊर्जा की कीमतें और आपूर्ति की बाधाएं अर्थव्यवस्था के लिए एक तूफान लेकर आई है।
अर्थशास्त्रियों के अनुसार किसी भी अर्थव्यवस्था के चार चरण होते है। उत्थान, बूम, मंदी और अवसाद। जर्मनी अभी मंदी स जूझ रहा है। वही दुनिया का सुपरपावर कंगाली के कगार पर है। अमेरिका की कर्ज लेने की सीमा 31.4 ट्रिलियन डॉलर है, जिसे वो पार कर चुका है। इसलिए अब उसे ये कर्ज की सीमा यानी डेट सीलिंग को बढ़ाना होगा। 1960 से लेकर अब तक 78 बार ये सीमा बढ़ चुकी है। आखिरी बार 2021 में ये सीमा बढ़ाई गई थी।
जापान और चीन दोनों ही देश मिलकर अमेरिकी कर्ज का 2 ट्रिलियन डॉलर का हिस्सा रखते हैं। इसलिए अमेरिका के डूबने से जापान और चीन बेहद परेशान है। जहां दुनिया की चार बड़ी अर्थव्यवस्था टेंशन में है वही भारत से पूरी दुनिया को उम्मीद है। रेटिंग एजेंसी फिच के अनुसार चीन मे मंदी आने का खतरा 12.5 प्रतिशत है जबकि भारत में यह खतर शून्य है।
यह भी पढ़े-
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.