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No Confidence Motion
India News (इंडिया न्यूज़), No Confidence Motion (Rana Yashwant), नई दिल्ली: मोदी सरकार के खिलाफ कांग्रेस द्वारा लगाए गए अविश्वास प्रस्ताव का गिरना अप्रत्याशित नहीं था। मगर, प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान विपक्ष का वॉकआउट लोकतंत्र की परंपरा के विरुद्द जरुर था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब भाषण दे रहे थे और कांग्रेस की नाकामियां गिना रहे थे उस दौरान कांग्रेस की अगुआई में विपक्ष के सांसद सदन से उठकर चले गए। विपक्ष ने पिछले तीन दिनों में सरकार को जमकर घेरा। साथ ही कई बार अनापेक्षित भरा भाषण भी दिया गया।
केंद्र सरकार की तरफ से कई नेताओं और मंत्रियों ने सदन में अपना पक्ष रखा। राहुल गांधी के भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए देशद्रोही और रावण और जैसे शब्द थे। विपक्ष ने भारत माता की हत्या करने जैसे बड़े आरोप सरकार पर लगाए। विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने सदन में प्रधानमंत्री के बारे बयान देते हुए कहा, “मैंने सोचा कि नीरव मोदी सारी जिंदगी के लिए हमारे से दूर चले गए। लेकिन अब पता चला कि नीरव मोदी दूर नहीं गए। मणिपुर की घटना देखने के बाद ये पता चला कि नीरव मोदी यहां हिंदुस्तान में जिंदा है और नरेंद्र मोदी नीरव मोदी बनके अभी भी चुपचाप, अपनी चुप्पी साधकर बैठे हैं।”
अधीर रंजन चौधरी ने हर बार जब भी किसी मंत्री ने विपक्ष पर खासकर कांग्रेस पर सवाल उठाया तो उन्होंने आपत्तिजनक रुप से टीका-टिप्पणी और बयानबाजी की। जिसके चलते पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत में कहा, “अधीर बाबू जब भी बोलते हैं गुड़ का गोबर करते हैं। वे इसमें माहिर हैं।” कुछ हद तक यह बात ठीक भी है। बता दें कि संसद में जब जनता के चुने हुए प्रतिनिधि बोलते हैं। ऐसे में तमाम तरह के आरोप-प्रत्यारोप के बावजूद भाषा और आचरण की मर्यादा को बनाए रखना आवश्यक है। उस पूरा देश सुनता है। आखिर इस तरह की टिप्पणियों और बर्ताव से सांसदों के बारे में देश के भीतर क्या संकेत जाएगा।
पीएम नरेंद्र मोदी ने विपक्ष के वॉकआउट के समय कहा कि यह अपना सुनाना तो चाहते हैं लेकिन सुनना नहीं चाहते। इसके आगे उन्होंने मणिपुर का भी जिक्र किया। साथ ही गृह मंत्री अमित शाह ने विस्तार से बताया कि मणिपुर को लेकर सरकार ने क्या किया और हिंसा कैसे भड़की। शायद देश के लोग भी पहली बार जान सके। फिर भी विपक्ष उसे स्वीकार करने को तैयार नहीं है। पीएम मोदी ने कहा, “एक दौर था जब लोहिया जैसे नेता ने प्रधानमंत्री नेहरु पर यह आरोप लगाया था कि वे जान बूझकर पूर्वोत्तर का विकास नहीं कर रहे।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, कैसे कांग्रेसी शासन में पूर्वोत्तर हाशिए पर रहा औऱ उनकी सरकार ने वहां विकास को रफ्तार दी। देश की मुख्यधारा से जोड़ा। प्रधानमंत्री के तौर पर मोदी ने अपनी सरकार की कामयाबी से बात शुरू की और पूर्वोंत्तर में बदले हालात तक गए। इस दौरान पीएम मोदी ने कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन INDIA जिसे उन्होंने घमंडिया कहा और उसकी नाकामियों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सरकार में रहते हुए पिछली सरकारें कहीं नाकाम रहीं हैं। उसको देश के सामने प्रधानमंत्री या उनके मंत्री लाते हैं। इंडिया न्यूज के संवाददाता राणा यशवंत का ये कहना है कि अविश्वास प्रस्ताव पर पीएम के भाषण के समय विपक्ष वॉकआउट कर जाए यह अलोकतांत्रिक है। ऐसा लगता है कि विपक्ष लड़ा नहीं भाग गया।
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