India news (इंडिया न्यूज़),Chandrayaan-3: चंद्रयान-3 को लेकर लोगों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। बता दे ‘चंद्रयान-3’ 23 अगस्त को शाम 5 बजकर 47 मिनट पर चांद के साउथ पोल पर उतरेगा। दिल्ली के नेहरू तारामंडल में चांद पर चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग के नजारे को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की मदद से स्काई थियेटर में लाइव प्रसारित किया जाएगा। इसे दर्शक 2डी नजारे में देख सकेंगे। लाइव स्ट्रीमिंग के लिए यहां बड़े-बड़े प्रोजेक्टर स्क्रीन लगाए गए हैं। इसके अलावा नेहरू तारामंडल में वेबकास्ट की व्यवस्था भी की गई है। तारामंडल में आने वाले दर्शकों के लिए चंद्रयान-3 का एक खास एग्जीबिशन भी लगाया गया है। इससे लोग चंद्रयान की वास्तविक बनावट को देख सकेंगे और उसके बारे में बेहतर ढंग से समझ सकेंगे।
नेहरू तारामंडल की प्रोग्राम मैनेजर प्रेरणा चंद्रा ने मीडिया को बताया कि 23 अगस्त को चंद्रयान-3 की लैंडिंग को लेकर सभी लोगों के मन में उत्साह, रुचि और जिज्ञासा है। इसलिए तारामंडल ने चंद्रयान-3 की लैंडिंग के नजारे को लाइव दिखाने के लिए खास तैयारियां की हैं। उन्होंने कहा, ‘हमने इस तरह से एग्जीबिशन लगाई है कि लोग चंद्रयान-3 से जुड़े तथ्यों के बारे में जान सकें। इसके अलावा उस दिन दर्शकों के लिए विशेष शो भी आयोजित किए जाएंगे। ये शो चंद्रयान मिशन और चंद्रमा से जुड़े तथ्यों पर आधारित होंगे।’
प्रेरणा ने बताया, ”बच्चों के लिए वर्कशॉप भी होगी। तारामंडल में चंद्रयान-3 का एक मॉडल भी स्थापित किया गया है। इसके जरिए भी दर्शक चंद्रयान से जुड़े रहस्यों को जान सकते हैं। हमने दो दिवसीय मून कार्निवल का आयोजन किया है। इसमें चंद्रमा पर आधारित शो की स्क्रीनिंग कर रहें हैं। विशेषज्ञ चंद्रमा और चंद्रयान-3 को लेकर चर्चा करेंगे। बच्चों को चंद्रमा पर होने वाली चंद्रयान की गतिविधियों के बारे में बताया जा रहा है। एग्जीबिशन में GSLV MK 3 रॉकेट, प्रोपल्शन मॉड्यूल, विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को दर्शाया गया है, ताकि दर्शक समझ पाएं कि चंद्रयान 3 चांद पर कैसे लैंड करेगा।”
प्रेरणा ने बताया कि नेहरू तारामंडल में शुक्रवार से दो दिवसीय मून कार्निवल का भी आयोजन किया गया, जिसमें दिल्ली एनसीआर के तकरीबन 20 स्कूलों के 150 बच्चों को विशेष निमंत्रण देकर बुलाया गया है। इन्हें एनीमेशन और एग्जीबिशन के जरिए चांद और चंद्रयान मिशन के बारे में जरूरी जानकारी दी जा रही है। चंद्रयान 3 के अलावा बच्चों को चंद्रयान 1 और चंद्रयान 2 मिशन के बारे में भी विस्तार से बताया जा रहा है।
कार्यक्रम में आए एक स्कूली छात्र ने कहा, ”हमें आज बहुत कुछ सीखने को मिला। यहां जो एक्सपर्ट्स थे, उन्होंने बेहद आसान तरीके से समझाया कि चंद्रयान-2 कैसे अपने मिशन से चूका था और उससे लिए डेटा कैसे अन्य देशों के काम आए और चंद्रयान-3 में भी उसी डेटा का इस्तेमाल किया गया है।”
इस अवसर पर एस्ट्रोनॉमर अर्जुन गुल्लिया कहा, ”स्कूली बच्चों के लिए एक्सपर्ट की व्यवस्था की गई है, जो बच्चों को बेहद सरल और इंटरैक्टिव तरीके से बच्चों को चांद, चंद्रयान और अंतरिक्ष के बारे में बता रहें हैं। वहीं, बच्चों ने भी उनसे खूब सवाल पूछे। इसका उद्देश्य यही है कि बच्चों को कम उम्र से ही अंतरिक्ष विज्ञान के बारे में रुचि पैदा की जाए ताकि आगे चलकर ये इसे अपने सफल कैरियर के रूप भी देखें।”
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