संबंधित खबरें
Nitish Kumar: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा की तैयारियाँ जोरों पर, वाल्मीकि नगर से शुरू होगी यात्रा
National Children Award: गोल्डी कुमारी जिन्होंने देश का नाम किया रोशन, जानें बिहार की बेटी की खास उपलब्धि
Bihar Police: बिहार पुलिस की बड़ी सफलता, छापेमारी में हथियारों के साथ नशीली दवा बरामद, 7 अपराधी गिरफ्तार
Bihar Farmers: सुल्तानगंज में प्रस्तावित हवाई अड्डे का निर्माण किसानों का विरोध बढ़ा, सरकार पर लगाए आरोप
Tejaswi Yadav: "हमारी सरकार आएगी तो…",तेजस्वी यादव ने महिलाओं से संवाद करते हुए किए कई बड़े वादे
Bihar Crime: दुकानदार से लूट का मामला, घबराकर अपराधियों ने छोड़ा देसी पिस्तौल और जिंदा कारतूस
India News (इंडिया न्यूज),Land For Job Scam: जमीन के बदले नौकरी मामले में लालू यादव और तेजस्वी यादव के करीबी सहयोगी अमित कत्याल को ED ने गिरफ्तार कर लिया है। ED ने कात्याल को हिरासत में लेने के बाद पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया। ED कात्याल को अदालत में पेश कर सकती है। जहां ईडी अमित कत्याल से पूछताछ के लिए हिरासत की मांग करेगी।
कात्याल करीब दो महीने से ईडी के समन की अनदेखी कर रहा था। दिल्ली उच्च न्यायालय ने हाल में इस मामले में उसके खिलाफ जारी ईडी के समन को रद्द करने के अनुरोध वाली उसकी याचिका खारिज कर दी थी। उसेक बाद आज ED ने कात्याल पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया है। ईडी ने इस साल मार्च में जब लालू, तेजस्वी, उनकी बहनों और अन्य के परिसरों पर छापे मारे थे, तब कात्याल से जुड़े ठिकानों की भी तलाशी ली गई थी।
अमित कात्याल एक व्यवसायी हैं और एके इन्फोसिस्टम के प्रमोटर हैं। यह कंपनी भी जमीन के बदले नौकरी मामले में मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल रही है। कात्याल और एके इंफोसिस्टम जमीन घोटाले में ईडी और सीबीआई की जांच और जांच के दायरे में शामिल है। आरोप है कि 2004 से 2009 तक भारतीय रेलवे के विभिन्न क्षेत्रों में समूह डी पदों पर कई लोगों को नियुक्त किया गया था और बदले में इन लोगों ने अपनी जमीन तत्कालीन रेल मंत्री लालू के परिवार के सदस्यों और एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड को हस्तांतरित कर दी थी। ईडी की ओर से दायर आरोप पत्र के मुताबिक यह घोटाला तकरीबन 600 करोड़ रुपये का है। जुलाई में सीबीआई ने भूमि के बदले नौकरी घोटाले में एक आरोपी के रूप में इकाई एके इंफोसिस्टम पर आरोप पत्र दायर किया था।
राजद सुप्रीमो लालू यादव पर आरोप है कि यूपीए-1 सरकार में रेल मंत्री रहते हुए उन्होंने ग्रुप डी में भर्तियों की थी। इसके बदले उम्होंने उनसे अपने परिवार के लोगों के नाम जमीनें लिखवा ली थी। सीबीआई का दावा है कि लोगों को पहले रेलवे में ग्रुप डी के पदों पर सब्स्टीट्यूट के तौर पर भर्ती किया गया और जब उनके परिवार ने जमीन का सौदा किया तब उन्हें रेगुलर कर दिया गया। यह पूरा मामला 2004 से 2009 के बीच का है। पिछले वर्ष 10 अक्टूबर को जांच एजेंसी ने आरोपपत्र दायर कर 16 को आरोपित बनाया था। बीते दिनों दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने लालू यादव के अलावा उनकी पत्नी और बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी, लालू के छोटे बेटे और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, बेटी मीसा भारती समेत 6 आरोपियों को जमानत दी थी।
यह भी पढ़ेंः-
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.