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Rahul Gandhi Reply To Amit Shah: अमित शाह के पीएम नेहरु बयान पर राहुल गांधी का पलटवार, लगाए कई गंभीर आरोप

BY: Shanu kumari • LAST UPDATED : December 12, 2023, 3:32 pm IST
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Rahul Gandhi Reply To Amit Shah: अमित शाह के पीएम नेहरु बयान पर राहुल गांधी का पलटवार, लगाए कई गंभीर आरोप

Rahul Gandhi

India News (इंडिया न्यूज़), Rahul Gandhi Reply To Amit Shah: जम्मू-कश्मीर आरक्षण-पुनर्गठन संशोधन बिल लोकसभा के बाद कल (सोमवार) राज्यसभा से भी पारित कर दिया गया। इस बिल को संसद में पेश करने के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू पर भी हमला किया था। जिसे लेकर आज (मंगलवार) कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पलटवार किया है। उन्होने अमित शाह के बयान पर लोगों को मुद्दे से भटकाने का आरोप लगाया है।

  • इतिहास को रि-राइट करने की कोशिश 
  • केंद्र सरकार के 90 सचिवों में से सिर्फ तीन ओबीसी क्यों?

राहुल गांधी का आरोप 

गृहमंत्री के दिए गए बयान पर राहुल गांधई ने कहा कि “जवाहर लाल नेहरू ने अपनी पूरी जिंदगी देश के नाम कर दी। सालों तक जेल में रहे। अमित शाह को इतिहास के बारे में पता नहीं है। वो इसे रि-राइट करने की कोशिश कर रहे हैं। मुद्दों को भटकाने के लिए इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं। असली मुद्दा तो जातीय जनगणना है। पीएम ओबीसी हैं लेकिन केंद्र सरकार के 90 सचिवों में से सिर्फ तीन ओबीसी क्यों हैं? हम ओबीसी की भागीदारी और जातीय जनगणना के मुद्दे पर बने रहेंगे।”

अमित शाह ने क्या कहा 

बता दें कि गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर संशोधन बिल पेश करने के दौरान जम्मू-कश्मीर की समस्या के लिए पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को जिम्मेवार बताया था। इस दौरान उन्होंने कहा कि “हमारी सेना जीत रही थी। वहीं दुश्मन देश की सेना पीछे हट रही थी। उस वक्त अगर नेहरू जी दो दिन और सीजफायर नहीं करते तो आज पूरा कश्मीर हमारा होता। देश में 550 रियासतों का विलय हुआ, कहीं भी धारा 370 नहीं लगी। जम्मू-कश्मीर जवाहर लाल नेहरू देख रहे थे तो वहीं क्यों लगी? तीन परिवारों ने अपने फायदे के लिए जम्मू-कश्मीर के एसटी समुदाय को उनके अधिकारों से वंचित रखा गया।”

उन्होंने पीएम नेहरु के निर्णय पर सवाल करते हुए कहा कि “सभी जानते हैं कि कश्मीर के शेख अब्दुल्ला को विशेष स्थान देने का आग्रह के कारण विलय में देरी हुई। देरी होने के कारण पाकिस्तान को आक्रमण करने का मौका मिला। जवाहर लाल नेहरू ने सिर्फ एक जम्मू-कश्मीर का काम देखा। वो भी आधा-अधूरा छोड़कर चले आए थे। कश्मीर का मामला यूएन में लेकर चले गए। मेरे ख्याल से वहां लेकर ही नहीं जाना था। अगर लेकर भी चले गए तो अनुच्छेद 51 के तहत क्यों लेकर गए। देश की जनता अब समझ चुकी है कि कश्मीर के सवाल के मूल में जवाहर लाल नेहरू जी की गलतियां थीं।”

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