संबंधित खबरें
भारत बनाने जा रहा ऐसा हथियार, धूल फांकता नजर आएगा चीन-पाकिस्तान, PM Modi के इस मास्टर स्ट्रोक से थर-थर कांपने लगे Yunus
‘जर्सी नंबर 99 की कमी खलेगी…’, अश्विन के सन्यास से चौंक गए PM Modi, कह दी ये बड़ी बात, क्रिकेट प्रशसंक भी रह गए हैरान
महाराष्ट्र फतह के बाद फिर से चुनावी तैयारी में जुटे Fadnavis, शरद पवार ने सीधे CM को कर दिया कॉल, राज्य की राजनीति में अभी नहीं थमा है तूफान
GST Council Meeting Highlights: कौड़ियों के दाम में मिलेंगी ये चीजें, निर्मला सीतारमण के इस फैसले से खुशी से उछल पड़े सभी वर्ग के लोग
हिमंत सरकार ने की बड़ी कार्रवाई, असम में 24 घण्टें में 416 लोगों को किया गया गिरफ्तार, बाकी राज्यों के लिए बना रोल मॉडल
कांग्रेस के बुरे दिन बरकरार! हरियाणा, महाराष्ट्र के बाद इस राज्य से आई बुरी खबर, सहयोगी ने ही दे दिया बड़ा घाव
India News(इंडिया न्यूज),Andhra Pradesh: आंध्र प्रदेश की राजनीति में इन दिनों जबरदस्त गर्माहट देखने को मिल रही है। जहां खबर ये सामने आ रही है कि, आंध्र प्रदेश के सीएम जगन मोहन रेड्डी की बहन जो की अभी YSR पार्टी की प्रमुख है वो कांग्रेस में शामिल होने का मन बना रही है। मिली जानकारी के अनुसार बता दें कि, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी की बहन और वाईएसआर तेलंगाना पार्टी (YSRTP) प्रमुख वाईएस शर्मिला जल्द ही कांग्रेस में शामिल होने के लिए तैयार हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि, आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम दिवंगत वाईएस राजशेखर रेड्डी (YSR) की बेटी शर्मिला ने अब उनके और उनके चाचा वाईएसआरसीपी के पूर्व सांसद वाईवी सुब्बा रेड्डी के बीच बातचीत विफल होने के बाद आगे बढ़ने का फैसला किया है। जिसके बाद खबर ये सामने आ रही है कि, जगन ने शर्मिला को वाईएसआरसीपी में शामिल होने के लिए मनाने के लिए सुब्बा रेड्डी को अपने दूत के रूप में भेजा था क्योंकि उन्हें लगा कि अगर उनकी बहन राज्य में मैदान में शामिल होंगी तो राज्य भर में उनका प्रभाव और छवि प्रभावित होगी।
सीएम जगन मोहन की बहन शर्मिला ने 31 दिसंबर और 1 जनवरी को हुई बैठकों में वाईएसआरसीपी में शामिल होने से साफ इनकार कर दिय। जिसके बाद खबर ये सामने आ रही है कि, शर्मिला द्वारा तेलंगाना में अपना संगठन बनाने के बाद जुलाई 2021 में भाई-बहन की जोड़ी राजनीतिक रूप से अलग हो गई। वाईएसआरसीपी और वाईएसआरटीपी दोनों का गठन वाईएसआर की विरासत को आगे बढ़ाने और “राजन्ना राज्यम” (वाईएसआर का शासन) वापस लाने के घोषित उद्देश्य से किया गया था।
जानकारी के लिए बता दें कि, वाईएसआरटीपी प्रमुख के प्रवेश से राज्य में एक साथ होने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनावों में भाई-बहन के बीच द्वंद्व की संभावना पैदा होने की संभावना है, जिसका असर जगन और कांग्रेस दोनों की भविष्य की संभावनाओं पर पड़ सकता है। 2014 में राज्य के विभाजन के बाद से यह पूरी तरह ख़त्म हो गया।
सुत्रों की माने तो 2009 में अपने पिता की मृत्यु के बाद जगन और शर्मिला कई मुद्दों पर आमने-सामने नहीं थे। 2011 में वाईएसआरसीपी के गठन के बाद कांग्रेस के साथ उनके मतभेद के बाद, जगन ने मामलों को संभाला। पूरे आंध्र प्रदेश में पार्टी, जबकि उनकी बहन इसकी राष्ट्रीय संयोजक थीं।
ये भी पढ़े
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.