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India News(इंडिया न्यूज),India-Myanmar Border: सरकार ने गुरुवार को भारत और म्यांमार के बीच मुक्त आवाजाही की व्यवस्था खत्म कर दी। मुक्त आवाजाही प्रणाली अंतरराष्ट्रीय सीमा के दोनों ओर रहने वाले लोगों को बिना वीज़ा के एक-दूसरे के क्षेत्र के 16 किलोमीटर के भीतर यात्रा करने की अनुमति देती है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा कि पीएम मोदी ने संकल्प लिया है कि हमारी सीमाएं सुरक्षित रहें। इसलिए गृह मंत्रालय ने निर्णय लिया है कि देश की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने और उत्तर-पूर्वी राज्यों की जनसांख्यिकीय संरचना को बनाए रखने के लिए इस प्रणाली को समाप्त कर दिया जाएगा।
यह फैसला गृह मंत्री अमित शाह के उस बयान के दो दिन बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत म्यांमार से लगी पूरी 1,643 किमी लंबी सीमा पर बाड़ लगाएगा और सुरक्षा बलों के लिए गश्ती ट्रैक भी बनाएगा।
यह घोषणा मणिपुर में कुकी (जिनके म्यांमार के चिन राज्य में समुदायों के साथ जातीय संबंध हैं) और बहुसंख्यक मीताई के बीच जातीय हिंसा की घटनाओं के बाद आई है। सीमा पर बाड़ लगाने की मांग इंफाल घाटी के मीताई समूहों की लगातार मांग रही है, जो आरोप लगाते रहे हैं कि आदिवासी आतंकवादी अक्सर खुली सीमा के माध्यम से भारत में प्रवेश करते हैं। मैतेई समूहों का यह भी आरोप है कि बिना बाड़ वाली अंतरराष्ट्रीय सीमा का फायदा उठाकर भारत में ड्रग्स की तस्करी की जा रही है।
It is Prime Minister Shri @narendramodi Ji's resolve to secure our borders.
The Ministry of Home Affairs (MHA) has decided that the Free Movement Regime (FMR) between India and Myanmar be scrapped to ensure the internal security of the country and to maintain the demographic…
— Amit Shah (@AmitShah) February 8, 2024
आपको बता दें कि फरवरी 2021 में पड़ोसी देश म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद वहां के 31,000 से ज्यादा लोगों ने मिजोरम में शरण ली थी। इनमें से अधिकतर लोग चिन राज्य से हैं। कई लोगों ने मणिपुर में भी शरण ली है। पिछले साल, भारत के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात दर्जनों म्यांमार सैनिक भी मिलिशिया समूह पीपुल्स डिफेंस फोर्स (पीडीएफ) के साथ भीषण गोलीबारी के बाद मिजोरम भाग गए थे। बाद में उन्हें वापस उनके देश भेज दिया गया।
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