India News (इंडिया न्यूज़), UP Police Constable Recruitment Exam: उत्तर प्रदेश नागरिक पुलस भर्ती- 2024 परीक्षा को सीए योगी आदित्यनाथ ने निरस्त कर दिया है। यह भर्ती कुल 60244 पदों के लिए थी जिसकी परीक्षा 17-18 फरवरी को हुई थी। इस परिक्षा के बाद से ही इसके पेपर लीक होने की खबरे आने लगी थी। वहीं प्रयागराज में छात्र इस परीक्षा को निरस्त कर रिएक्जाम कराने की भी मांग कर रहे थे। इस परीक्षा में करीब 50 लाख छात्रों ने आवेदन किया था वहीं करीब 48 लाख छात्रों ने परीक्षा में भाग लिया था।
इस परीक्षा के रद्द होने की मुख्य वजह यह थी कि परीक्षा के पहले ही दिन और पहली ही पाली का पेपर सोशल मीड़िया पर वायरल हो गया। कुछ लोगों ने आंसर की शेयर करते हुए दावा किया कि यह इसी परीक्षा के पेपर की है। इसी तरह दूसरे दिन का भी पेपर वायरल हुआ। पेपर के लीक होने और सोशल मीड़िया पर वायरल होने के बाद छात्रो में काफी आक्रोश था। प्रयगाराज और कई जगहों पर छात्र धरने के लिये जुटने लगे थे। जिससे परीक्षा निरस्त करने का दबाव बढ़ने लगा।
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पेपर के लीक होते ही विपक्ष को भी बीजेपी सरकार को घेरने का मौका मिल गया। अखिलेश यादव, राहुल गांधी और कई नेताओं ने इस मुद्दे को जोर शोर से उठाया। सरकार भी 48 लाख अभ्यर्थियों के आक्रोश को नहीं बढ़ाना चाहती थी।उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने भी एक आंतरिक कमिटी का गठन कर जांच के आदेश दिये थे। साथ सभी अभ्यर्थियों से पेपर लीक के सबूत मांगे गए थे। जिसके बाद बड़ी संख्या में साक्ष्य बोर्ड को भेजा गया और उसे जांच में सही भी पाया गया। मामले को लेकर इंडिया न्यूज़ ने अपने प्राइम टाइम शो आंकड़े हमारे, फैसला आपके सर्वे में लोगों से 4 सवाल पूछे गए। सवालों और उनके जवाबों को आप यहां देख सकते हैं।
जवाब- 71.57% लोगों ने कहा कि सीएम योगी ने यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा रद्द कर दी है यह एक सही फैसला है। वहीं 25.88% लोगों ने कहा कि परीक्षा रद्द करना एक गलत फैसला है। 2.55% लोगों ने कहा कि वह कह नहीं सकते कि यह सही फैसला है या गलत।
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जवाब- 21.31% लोगों ने कहा कि पेपर लीक गिरोह को आजीवन क़ैद होनी चाहिए। वहीं 35.53% लोगों ने कहा कि इस काम के लिए उन्हे 10 साल की सज़ा होनी चाहिए। 34.01% लोगों ने कहा कि इस गिरोह पर भारी जुर्माना लगना चाहिए। 9.15% ने कहा कि कुछ कह नहीं सकते कि इन्हे किस प्रकार की सजा देनी चाहिए।
जवाब-72.58% लोगों ने कहा कि हाँ पेपर लीक गिरोह में शामिल माफ़िया और सरकारी अधिकारियों के घर पर बुलडोज़र चलना चाहिए। वहीं 14.72% लोगों ने कहा कि नहीं पेपर लीक गिरोह में शामिल माफ़िया और सरकारी अधिकारियों के घर पर बुलडोज़र नहीं चलना चाहिए। जबकि 12.70% लोगों ने कहा कि कह नहीं सकते कि उनके घर पर बुलडोज़र चलना चाहिए या नहीं।
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जवाब-51.26% लोगों ने कहा कि पेपर रद्द किए जाने के एक महीने के अंदर दूबारा परीक्षा होना चाहिए। वहीं 21.82% लोगों ने कहा कि दो महीने के अंदर दूबारा परीक्षा होना चाहिए। 22.84% लोगों ने कहा कि 6 महीने के अंदर दूबारा परीक्षा होना चाहिए। वहीं 4.08% लोगों ने कहा कि कह नहीं सकते कि कितने दिनों में दूबारा परीक्षा होना चाहिए
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