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India News (इंडिया न्यूज़),Chandrayaan-3: भारत के चंद्रयान-3 ने जिस जगह चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग कर इतिहास रचा, उस जगह को अब पूरी दुनिया ‘शिव शक्ति स्थल’ कहेगी। इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन (आईएयू) ने इसके लिए मान्यता दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 अगस्त को घोषणा की थी कि जिस स्थान पर चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग हुई थी उसे ‘शिव शक्ति’ स्थल कहा जाएगा।
पीएम की घोषणा के करीब सात महीने बाद 19 मार्च को आईएयू वर्किंग ग्रुप फॉर प्लैनेटरी सिस्टम नॉमेनक्लेचर ने नाम को मंजूरी दे दी। आईएयू खगोलविदों का एक संगठन है। इसकी स्थापना वर्ष 1919 में हुई थी। IAU आकाशीय पिंडों और उनकी सतह की विशेषताओं का नाम देता है। IU द्वारा दिया गया नाम इन खगोलीय पिंडों या उनकी सतह की अंतर्राष्ट्रीय पहचान है। IU ब्रह्मांड में पाए जाने वाले नए खगोलीय पिंडों के नाम भी बताता है।
भारत ने पिछले साल 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचकर इतिहास रचा था। भारत चंद्रमा की सतह पर पहुंचने वाला चौथा देश बन गया, जबकि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन गया। भारत से पहले केवल अमेरिका, तत्कालीन सोवियत संघ (रूस) और चीन ने ही चंद्रमा की सतह पर अपने लैंडर उतारे थे। इनमें से कोई भी देश दक्षिणी ध्रुव पर उतरने में सफल नहीं हो सका। इस उपलब्धि के बाद 26 अगस्त को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वैज्ञानिकों से मिलने इसरो टेलीमेट्री ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क पहुंचे तो उन्होंने चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग वाली जगह को ‘शिव शक्ति स्थल’ नाम दिया।
पीएम मोदी ने कहा था, शिव का संकल्प मानवता के कल्याण का है और शक्ति हमें उन संकल्पों को पूरा करने की शक्ति देती है। शिव शक्ति स्थल हिमालय से कन्याकुमारी तक जुड़ाव का अहसास कराता है। चंद्रयान-3 विक्रम लैंडर ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास एक मार्कर के रूप में काम करना शुरू कर दिया है। गौरतलब है कि पिछले साल 14 जुलाई को चंद्रयान-3 आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रमा की यात्रा के लिए रवाना हुआ था।
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