संबंधित खबरें
गूगल मैप्स के सहारे कार में सफर कर रहे थे 3 लोग, अधूरे फ्लाईओवर में जा घुसी गाड़ी, फिर जो हुआ…सुनकर मुंह को आ जाएगा कलेजा
‘ये मुगलों का दौर नहीं…’, संभल जामा मस्जिद सर्वे पर ये क्या बोल गए BJP प्रवक्ता? सुनकर तिलमिला उठे मुस्लिम
शरद पवार, प्रियंका चतुर्वेदी और संजय राउत का क्या होगा राजनीतिक भविष्य? दोबारा राज्यसभा जाने के रास्ते हुए बंद
60 फीसदी से अधिक मुस्लिम आबादी फिर भी कैसे जीत गई BJP? सपा उम्मीदवार की जमानत हो गई जब्त, अखिलेश नोंचने लगे अपना माथा
बाला साहेब की विरासत को मिट्टी में मिला गए उद्धव ठाकरे, कांग्रेस-एनसीपी से गठबंधन पर अपनी हिंदूवादी विचारधारा को लगाया दांव पर, क्या अब कर पाएंगे वापसी?
‘मां मैं जल्द आ जाऊंगा…’, मौत से दो दिन पहले अपनी बूढी से कांस्टेबल ने किया था ये वादा, लेकिन दे गया दगा
India News (इंडिया न्यूज़), Taliban Punishment: अफगानिस्तान में तालिबानी शासन में महिलाओं के साथ जुर्म के मामले बढ़ गए हैं, या फिर यूं कहे कि सरकार में शामिल लोग ही इसके लिए जिम्मेदार हैं। पश्चिमी लोकतंत्रों को संबोधित करते हुए तालिबान के सर्वोच्च नेता ने एक बयान में, महिलाओं के प्रति समूह की कठोर नीतियों, विशेष रूप से व्यभिचार के लिए सजा की पुष्टि की। राज्य-नियंत्रित मीडिया पर प्रसारित एक ध्वनि संदेश के मुताबिक मुल्ला हिबतुल्ला अखुंदज़ादा ने घोषणा की है कि आप कहते हैं कि यह महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन है जब हम उन्हें पत्थर मारकर मार देते हैं। परंतु हम जल्द ही व्यभिचार के लिए सजा लागू करेंगे। हम महिलाओं को सरेआम कोड़े मारेंगे. हम उन्हें सार्वजनिक रूप से पत्थरों से मार-मार कर मार डालेंगे।
बता दें कि, तालिबान शासन में महिलाओं के अधिकारों के दमन के संबंध में वैश्विक आलोचना का सीधा खंडन करते हुए अखुंदजादा ने कहा कि ये सभी आपके लोकतंत्र के खिलाफ हैं। परंतु हम इसे करना जारी रखेंगे। हम दोनों कहते हैं कि हम मानवाधिकारों की रक्षा करते हैं। हम इसे भगवान के प्रतिनिधि के रूप में करते हैं और तुम शैतान के समान हो। उन्होंने आगे महिलाओं के अधिकारों की पश्चिमी अवधारणा की आलोचना की और दावा किया कि वे तालिबान की इस्लामी शरिया कानून की सख्त व्याख्या का खंडन करते हैं। ये बातें तालिबान की उन चरम नीतियों पर लौटने के इरादे को रेखांकित करती हैं। जो 1990 के दशक के दौरान अफगानिस्तान में उसके शासन की विशेषता थीं।
Elon Musk: भारतीय मूल की डॉक्टर को कानूनी फीस के लिए चाहिए करोड़ो रूपये, एलोन मस्क ने दिया ये जवाब
बता दें कि, संयुक्त राष्ट्र संघ ने तालिबान से बुनियादी मानवाधिकार मानकों का पालन करने का आग्रह किया है।उसके बाद भी तालिबान नेता का यह हालिया बयान लोकतांत्रिक मूल्यों, अंतरराष्ट्रीय मानदंडों और महिलाओं के अधिकारों को बड़ा झटका लगा हैं। दरअसल, ऐसी नीतियों का पुनरुत्थान अफगानिस्तान में मानवाधिकारों के लिए एक महत्वपूर्ण झटका है। खासकर उन महिलाओं के लिए जिन्होंने तालिबान के अधिग्रहण के बाद से अपनी स्वतंत्रता में भारी कटौती देखी है।
S. Jaishankar Malaysia Visit: चीन को एस जयशंकर का दो टूक जवाब, सीमा मुद्दे पर नहीं करेंगे कोई समझौता
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.