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Elon Musk: भारतीय मूल की डॉक्टर को कानूनी फीस के लिए चाहिए करोड़ो रूपये, एलोन मस्क ने दिया ये जवाब

Raunak Kumar • LAST UPDATED : March 27, 2024, 11:57 pm IST

India News (इंडिया न्यूज़), Elon Musk: दुनिया ने साल 2020 में सदी के सबसे भयावह दौर से गुजर रहा था। पुरे संसार को कोरोना वायरस नामक बीमारी ने अपने चपेट में ले लिया था। जिसकी वजह से करोड़ो लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी। इस महामारी के दौरान भारतीय मूल की डॉक्टर कुलविंदर कौर गिल ने सरकार द्वारा लगाए गए लॉकडाउन और टीकाकरण जनादेश के खिलाफ बात की थी। परंतु उनके इस रुख को चिकित्सा निकायों द्वारा मुकदमों और एक्स (ट्विटर) के पिछले प्रबंधन द्वारा सेंसरशिप का सामना करना पड़ा। वहीं कनाडा में इम्यूनोलॉजी और बाल चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. गिल अब अपने कोविड-संबंधी ट्वीट्स के कारण कानूनी लड़ाई में फंस गई हैं। कानूनी फीस में 300,000 CAD यानि 1,83,75,078 रुपये की कठिन चुनौती का सामना करते हुए, उन्हें एक्स से समर्थन मिला, जिसने उसके खर्चों को कवर करने का वादा किया है।

एलोन मस्क ने किया मदद का वादा

बता दें कि, जब इस सप्ताह की शुरुआत में एलोन मस्क को फैसले का भुगतान करने के लिए अपने क्राउडफंडिंग अभियान (https://givesendgo.com/कुलविंदर) के बारे में पता चला, तो उन्होंने मदद करने का वादा किया। एक्स के द्वारा अब डॉ. गिल के बाकी अभियान को वित्तपोषित किया जाएगा। ताकि वह उन्हें भुगतान कर सकें $300,000 का निर्णय और उसके कानूनी बिल। दरअसल, आगामी कानूनी कार्यवाही की वजह से डॉ. गिल की जीवन भर की बचत खत्म हो गई और उन पर भारी कर्ज हो गया। भारतीय मूल की डॉक्टर टीकाकरण की मुखर आलोचक हैं। उन्होंने अगस्त, 2020 में अपने एक्स पर पोस्ट पर लिखा था कि अगर आपको अभी तक पता नहीं चला है कि हमें वैक्सीन की ज़रूरत नहीं है, तो आप ध्यान नहीं दे रहे हैं। #FactsNotFear।

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डॉक्टर गिल के पोस्ट का हुआ था भरी विरोध

बता दें कि, भारतीय मूल की डॉक्टर कुलविंदर कौर गिल के पोस्ट की चिकित्सा समुदाय और मुख्यधारा मीडिया में कई लोगों द्वारा भारी आलोचना की गई। जिसके बाद डॉ गिल ने 23 डॉक्टरों, पत्रकारों और समाचार आउटलेट्स पर मुकदमा दायर किया। यह दावा करते हुए कि वे उनके खिलाफ मानहानि अभियान का हिस्सा थे। एक न्यायाधीश ने एसएलएपीपी विरोधी कानून का हवाला देते हुए मुकदमा खारिज कर दिया। जिसमें कहा गया था कि डॉ. गिल का इरादा सार्वजनिक मंच पर अपने आलोचकों के भाषण को दबाना था। डॉ गिल को प्रतिवादियों के कानूनी खर्चों को कवर करने का निर्देश दिया गया था।

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