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India News (इंडिया न्यूज़), Suicide Attack in Pakistan: पाकिस्तान में दासू हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट के चीनी इंजीनियरों को आतंकियों ने निशाना बनाया है। आतंकियों ने आत्मघाती हमले में चीनी इंजीनियरों की गाड़ी पर हमला कर दिया। इस हमले में पांच चीनी इंजीनियरों समेत छह लोगों की मौत हो गई। पाकिस्तान में पहले भी चीनी इंजीनियरों पर हमले हो चुके हैं। एक बार फिर इस आत्मघाती हमले से पता चलता है कि पाकिस्तान चीनी नागरिकों की रक्षा करने में विफल रहा है। पाकिस्तान की नाकामी के चलते चीन अपने सुरक्षाकर्मियों को तैनात कर सकता है। विशेषज्ञ इसे लेकर चिंता जता रहे हैं।
बता दें कि, अमेरिका के दक्षिण एशियाई मामलों के विशेषज्ञ माइकल कुगेलमैन ने अपने एक ट्वीट में कहा कि, ‘चीन पाकिस्तान के सबसे महत्वपूर्ण सहयोगियों में से एक है। संभवतः पाकिस्तान में आतंकवादियों के लिए सबसे बड़ा विदेशी लक्ष्य चीन है। यह वर्षों से एक गंभीर कूटनीतिक, सुरक्षा और रणनीतिक समस्या रही है जिसे चीन के विरोध के बावजूद पाकिस्तान ठीक नहीं कर पाया है। आगे उन्होंने कहा कि, ‘CPEC के जरिए पाकिस्तान में चीन की मौजूदगी बढ़ रही है। कई इलाकों में इसकी पहुंच इसे आतंकियों का निशाना बना रही है। चीन को बलूच अलगाववादियों, इस्लामिक स्टेट और टीटीपी से खतरा है। उनसे मुकाबला करना मुश्किल है।’
एक अन्य ट्वीट में कुगेलमैन ने आशंका जताई कि चीन अपने सुरक्षा बलों को पाकिस्तान में ला सकता है. उन्होंने कहा, “इस तरह के हमलों से चीनी निवेश या बीजिंग के साथ संबंध खतरे में नहीं पड़ते।” लेकिन ये रिश्ते में एक घाव पैदा कर देता है. यदि यह जारी रहा तो पाकिस्तान के लिए इसके समस्यात्मक परिणाम हो सकते हैं। जैसे चीन अपने सुरक्षा बल ला सकता है. पाकिस्तान में चीन के राजदूत ने चीनी जवानों की सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए हैं.
बीते मंगलवार को हुए हमले में एक हफ्ते में चीन के हितों पर तीसरा बड़ा हमला था। हमले के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ चीनी दूतावास पहुंचे। पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की कड़ी निंदा की और चीनी नागरिकों की मौत पर ‘गहरा दुख’ जताया है। उन्होंने एक बयान में कहा कि, “पाकिस्तान विरोधी तत्व पाकिस्तान-चीन दोस्ती को नुकसान पहुंचाने में कभी सफल नहीं होंगे।” इस बीच, पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी हमले की जगह पर पहुंच गए और घटना की जांच शुरू कर दी।
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