संबंधित खबरें
हिजबुल्लाह के हमलों से दहला इजरायल, नेतन्याहू के दूतों से चुन-चुनकर बदला ले रहा इस्लामिक संगठन, अब क्या यहूदी देश देगा जवाब?
ब्रिटेन सरकार ने रूस को लेकर दुनिया को दी बड़ी चेतावनी…हिल गए सारे देश, अब होगा कुछ बड़ा
पाकिस्तान ने जारी किया तालिबानी फरमान, अब मोबाइल फोन पर भी इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे लोग, क्या है इसके पीछे का राज?
फेक न्यूज पर बने कानून को लेकर क्यों बैकफुट पर आया ऑस्ट्रेलिया, पीएम के इस फैसले से नाखुश दिखे उनकी ही पार्टी के नेता
91 साल की महिला हुई हवस का शिकार! दोस्त के जवान बेटे से रचाई शादी, फिर हनीमून पर हुआ ऐसा रोमांस…
अमेरिका से आगे निकला भारत! दुनिया के सबसे अमीर शख्स ने इस मामले में कर दी इंडिया की तारीफ, मामला जान विकसित देशों को लग जाएगी मिर्ची
निवेश नहीं किया तो देश में पड़ सकती है भुखमरी
इंडिया न्यूज, काबुल :
Aafghan Economy : अफगानिस्तान की ध्वस्त हुई इकोनॉमी को संभालने के लिए दुनिया भर के देशों को आगे आना चाहिए। अगरा ऐसा नहीं किया गया यानी अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था में निवेश नहीं किया गया तो देश में भुखमरी पड़ सकती है। लाखों लोग गरीबी के दलदल में फंस सकते हैं। संयुक्त राष्ट्र की विशेष राजनयिक देबोराह लियोन ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि देश को यह डर भी खत्म करना चाहिए कि तालिबान के टेकओवर से अफगानिस्तान के पड़ोसी मुल्कों पर भी असर देखने को मिलेगा। लियोन ने कहा कि अफगानिस्तान में बने मानवीय संकट का समाधान तलाशने के लिए कोशिशें करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले समय एक और संकट अफगानिस्तान के आगे मुंह बाए खड़ा है, क्योंकि अफगानिस्तान की अरबों डॉलर की संपत्ति को फ्रीज किया जा रहा है। इससे अर्थव्यवस्था चौपट हो जाएगी और साफ है कि लाखों लोग गरीबी और भुखमरी से घिर जाएंगे। बड़ी संख्या में देश से पलायन शुरू हो सकता है और अफगानिस्तान कई पीढ़ियों पीछे जा सकता है। ने कहा, अर्थव्यवस्था को कुछ महीनों का वक्त मिलना चाहिए। तालिबान को कुछ वक्त दिया जाना चाहिए कि वह दिखा सके कि उसका इस बार क्या प्लान है। खासतौर पर मानवाधिकार, लैंगिक न्याय और आतंक के खिलाफ जंग के मामले में उसकी प्रतिबद्धता को देखने की जरूरत है।
देबोराह लियोन ने कहा, मेरी राय है कि अफगानिस्तान में पैसों के आवागमन को बाधित नहीं होने देना चाहिए। यदि मनी का फ्लो बना रहेगा तो अर्थव्यवस्था और समाज को बिखरने से बचाया जा सकेगा। हालांकि इसके साथ ही यह भी ध्यान रखने की जरूरत है कि उस रकम का बेजा इस्तेमाल तालिबान की ओर से न किया जा सके। दरअसल अफगानिस्तान के सेंट्रल बैंक के पास 9 अरब डॉलर का रिजर्व है। इसमें से बड़ा हिस्सा अमेरिका के पास जमा है, जिसे उसके समर्थन वाली सरकार के गिरने और तालिबान राज आने के बाद फ्रीज कर दिया गया है। इससे अफगानिस्तान में बड़ा आर्थिक संकट पैदा होने का खतरा हो गया है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.