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Assembly Elections: चौहान-खट्टर पर है बड़ी जिम्मेदारी, हरियाणा और महाराष्ट्र पहली परीक्षा

BY: Sailesh Chandra • LAST UPDATED : June 12, 2024, 2:11 pm IST
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Assembly Elections: चौहान-खट्टर पर है बड़ी जिम्मेदारी, हरियाणा और महाराष्ट्र पहली परीक्षा

chouhan khattar

India News (इंडिया न्यूज), अजीत मेंदोला, नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई केबिनेट में शिवराज सिंह चौहान और मनोहर लाल खट्टर ऐसे दो मंत्री हैं जिनके मंत्रालयों के फैसलों की पहली परीक्षा हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनाव में देखने को मिलेगी। इन दोनों। राज्यों में चार माह बाद चुनाव होने हैं। ऐसा समझा जा रहा है कि चौहान अपनी कार्यप्रणाली से किसानों पर असर डाल सकते हैं। जबकि दूसरी तरफ खट्टर पीएम आवास योजना से गरीबों को बड़ा संदेश दे सकते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बार किसानों से जुड़े मुद्दों की जिम्मेदारी मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान को संदेश देने की कोशिश की है कि किसानों को इस बार निराशा हाथ नहीं लगेगी।

वहीं दिल्ली से सटे राज्य हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर को ऊर्जा और शहरी विकास मंत्रालय दे कर आम जन से जोड़ने की कोशिश की है। चौहान और खट्टर दोनों ऐसे नेता हैं जिन्होंने अपने अपने राज्य में जनता से सीधा संवाद कर अपनी जमीनी पकड़ को मजबूत किया। शिवराज सिंह चौहान ने तो मध्यप्रदेश में लगातार चार बार मुख्यमंत्री बनने का नया रिकार्ड तो बनाया ही साथ कृषि के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई।

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चौहान के पास कृषि के साथ ग्रामीण विकास मंत्रालय भी है। दरअसल पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में पार्टी की जिन सीटों पर हार हुई उनमें किसानों की नाराजगी सबसे अहम बताई जा रही है। क्योंकि किसानों ने मोदी 2.0 में दो बार अपनी मांगों को लेकर बड़े आंदोलन किए, लेकिन उनकी मांगों को उनके अनुरूप नहीं माना गया। इसके चलते मोदी सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाया गया। शिवराज सिंह चौहान के सामने यही सबसे बड़ी चुनौती है कि किसानों को कैसे राजी किया जाए। क्योंकि किसानों का मामला अभी खत्म नहीं हुआ है न्यूनतम समर्थन मूल्य के साथ उनकी तमाम ऐसी मांगे हैं जिनका बातचीत से ही समाधान हो सकता है।

चौहान उस नेचर के व्यक्ति हैं जो बातचीत में ही भरोसा करते हैं। इसमें कोई दो राय नहीं है कि चौहान उन नेताओं में हैं जो सीधे आम जन के बीच संवाद कर कर लोकप्रिय हुए। मध्यप्रदेश में उनकी लोकप्रियता का आलम यह है कि वह घर घर अपनी पैठ बना चुके हैं। महिलाओं के चलाई उनकी कई योजनाओं ने तो भाजपा को विधानसभा का चुनाव तो जिताया ही साथ ही लोकसभा की सभी 29 सीट भी जीती।

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चौहान का काम करने का जो तरीका है वह बिल्कुल अलग है। वह कोई भी मामला हो जल्द समाधान पर विश्वास करते हैं। जैसे ही उन्होंने मंत्रालय में कार्यभार संभाला तो चौहान ने साफ किया कि किसान कल्याण प्रधानमंत्री की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि वह उनके साथी मंत्री और अफसर मिल कर काम करेंगे। उन्होंने अधिकारियों को एक संकल्प पत्र भी सौंपा। चौहान के रुख से इतना तो साफ हो गया कि इस बार वह किसानों को निराश नहीं होने देंगे। अगर चौहान न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर कोई फैसला करने में सफल हो जाते हैं तो चार माह बाद होने वाले हरियाणा ओर महाराष्ट्र के चुनाव में पार्टी को बड़ा लाभ मिल सकता है। इन दोनों राज्यों में किसानों की बड़ी भूमिका है।

इसी तरह शहरी विकास मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालने वाले खट्टर के मंत्रालय में पीएम आवास योजना और स्वच्छ भारत मिशन जैसे ऐसे कार्यक्रम हैं जो आम जन से जुड़े है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी पहली केबिनेट में तीन करोड़ घर बनाने का फैसला कर शहरी और ग्रामीण क्षेत्र की गरीब जनता को सीधा संदेश दिया। यह सभी घर पीएम आवास योजना के तहत बनाए जाने है। खट्टर के पास यह बड़ी जिम्मेदारी है। खट्टर ने हरियाणा जैसे राज्य में मुख्यमंत्री के रूप में अलग पहचान बनाई। मोदी के करीबी खट्टर जब सीएम बने तो कोई भरोसा नहीं कर रहा था कि वह सफल भी होंगे। लगभग साढ़े 9 साल बिना विवादों उनका शानदार कार्यकाल रहा। वह अपने काम के दम पर लोकप्रिय मुख्यमंत्री साबित हुए।

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प्रधानमंत्री मोदी ने अब उन्हें अपनी टीम में शामिल कर शहरी विकास के साथ ऊर्जा मंत्रालय भी दिया है। दोनो अहम मंत्रालय है। प्रधानमंत्री मोदी की बिजली बिल शून्य करने की योजना सफल होती है तो देश में नई क्रांति होगी। हर घर में सौर ऊर्जा से बिजली की बचत होगी। खट्टर पर पीएम ने को भरोसा जताया उसमें वह पूरा खरा उतरेंगे।

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