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India News (इंडिया न्यूज़), Kunti In Mahabharat: महाभारत में कुंती के जीवन से जुड़ी कई घटनाएं हैं, जो बहुत ही महत्वपूर्ण और रहस्यमय मानी जाती हैं। इनमें से एक घटना वह है जब कुंती ने एक ऐसा वरदान मांगा था जिसने सभी को हैरान कर दिया था।
कुंती ने ऋषि दुर्वासा की सेवा और तपस्या से प्रसन्न होकर एक विशेष वरदान प्राप्त किया था। इस वरदान के अनुसार, वह किसी भी देवता का आह्वान कर सकती थीं और उनसे संतान प्राप्त कर सकती थीं। कुंती ने इस वरदान का प्रयोग सूर्य देवता का आह्वान कर किया था और इससे उन्हें कर्ण के रूप में एक पुत्र की प्राप्ति हुई थी। लेकिन कर्ण के जन्म से पहले ही कुंती ने उसे गंगा में बहा दिया क्योंकि वह अविवाहित थीं और समाज के डर से उन्होंने यह कदम उठाया।
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कुंती के इस निर्णय ने उनकी पूरी जिंदगी को प्रभावित किया, क्योंकि कर्ण का जन्म एक ऐसा रहस्य बन गया जिसे बाद में महाभारत की घटनाओं में खुलासा किया गया। कर्ण का जीवन महाभारत में एक ट्रैजिक हीरो के रूप में उभरा। कुंती के इस निर्णय से उनके अन्य पुत्रों, विशेषकर अर्जुन, पर भी बड़ा प्रभाव पड़ा। महाभारत के युद्ध के दौरान कर्ण और अर्जुन के बीच युद्ध हुआ, जो महाभारत के सबसे महत्वपूर्ण और भावनात्मक दृश्यों में से एक है।
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कुंती के इस वरदान का रहस्य जब पांडवों और अन्य लोगों के सामने आया, तो सभी दंग रह गए थे। यह रहस्य तब खुला जब कर्ण की पहचान कुंती के सबसे बड़े पुत्र के रूप में सामने आई। कुंती ने यह वरदान ऋषि दुर्वासा से प्राप्त किया था, जिन्होंने प्रसन्न होकर उन्हें यह शक्ति दी थी।
कुंती का यह वरदान महाभारत के पूरे कथा के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और इसकी वजह से कई अनूठी और अप्रत्याशित घटनाएं घटित हुईं। यह वरदान और इसके प्रभाव महाभारत की कथा को एक नया मोड़ देने वाले हैं, और कुंती के इस वरदान की कहानी आज भी लोगों के बीच चर्चित है।
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