नेचुरोपैथ कौशल
Importance Of Cow’s Milk शुद्ध जल की तुलना किससे की जाए अर्थात शुद्ध जल कैसा होता है या होना चाहिए तो एक जबाब देशी गाय के दूध जैसा अर्थात सम्पूर्ण ब्रह्मांड में शुद्ध जल की परिभाषा है भारतीय देशी गाय का दूध! नवजात शिशु को किसी कारणवश मां का दूध नहीं मिल पाता है तो उसका सर्वोत्तम विकल्प एक मात्र देशी गाय का दूध है।
भारतवर्ष में गाय के दूध का औषधीय गुण अति प्राचीनतम काल से जाना जाता है। चिकित्सकीय दृष्टिकोण से देसी गाय का दूध बहुत महत्त्वपूर्ण है। यह शरीर के लिये उच्च श्रेणी का खाद्य पदार्थ है। भोज्य पदार्थ के रूप में दूध एक महत्त्वपूर्ण आहार का विलक्षण समुच्चय है।
दूध प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट्स, खनिज, वसा, इन्जाइम तथा आयरन से युक्त होता है। दूध में प्रोटीन और कैल्सियम तत्त्वों का प्रसार होने से यह (दूधिया) अद्वितीय, अपारदर्शी होता है। मानव जाति के लिये यह सम्पूर्ण भोजन है.!
चिकित्सक सभी आयु वर्ग के लिये इसे पौष्टिक भोजन के रूपमें निम्न कारणों से सेवन करनेका सुझाव देते हैं..
(1). प्रकृति में उपलब्ध द्रव्यों, पदार्थों में केवल दूध में शुगर लैक्टोज (दुग्ध शर्करा) निहित होता है।
(2). प्राणियों में नाड़ी मण्डल एवं बुद्धि के विकास के लिये दुग्ध-शर्करा बहुत आवश्यक है।
(3). ऊर्जस्वी गतिशील शारीरिक क्रिया कलापों के लिये कार्बोहाइड्रेट आवश्यक होता है।
(4). शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के संश्लेषण (समन्वय) एवं शारीरिक शक्ति के सुधारके लिये आयरन (लौह तत्त्व) आवश्यक होता है।
(5). कैल्सियम और फॉस्फोरस दाँतों और अस्थियों को मजबूत रखने में सहायक होते हैं।
(6). विटामिन-‘ए’ आँख की रोशनी और त्वचा को स्वस्थ रखता है एवं कम्पन-रोग को हटाता है।
(7). विटामिन-‘बी’ नाड़ी मण्डल एवं शरीर के विकास के लिये आवश्यक है।
(8). विटामिन-‘सी’ शारीरिक रोगों के प्रति प्रतिरोधक शक्ति पैदा करता है।
(9). विटामिन-‘डी’ सुखण्डी रोग से सुरक्षा प्रदान करता है।
(10). रात्रि में सोने से पहले एक कप देसी गाय के दूध का सेवन रक्त के नव निर्माण में सहायक होता है एवं विषैले पदार्थों को निष्क्रिय करता है।
(11). प्रात:काल हलके गरम दूध का सेवन पाचन क्रिया को संयोजित करने में सहायता करता है।
(12). गरम दूध में धागे वाली मिश्री और काली मिर्च मिलाकर लेने से सर्दी जुकाम ठीक हो जाता है।
(13). दूध में सबसे कम कोलेस्ट्रॉल (14mg /100 grams) होनेके कारण मधुमेह के रोगियों को वसा रहित दूध-सेवन की सलाह दी जाती है।
(14). उच्च रक्तचाप से पीडित व्यक्ति को प्रतिदिन 200 ml देसी गाय का दूध (सिर्फ द्रव्य, पेय के रूप में) पीने की सलाह दी जाती है।
(15). अग्निवर्धक व्रण (Peptic Ulcer) के रोगियों के लिये देसी गाय का दूध एक आदर्श आहार है।
50 ml ठंडे दूध में एक चम्मच चने का सत्तू दो-दो घंटे पर देने से अल्सर में शीघ्र ही लाभ हो जाता है।
(16). देसी गाय के दूध के सेवन से सात्त्विक विचार, मानसिक शुद्धि एवं बौद्धिक विकास होता है।
(Importance Of Cow’s Milk)
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