कैसे भगवान कृष्ण ने तोड़ा था इंद्रदेव का अभिमान? जानें कैसे हुई गोवर्धन पूजा के त्योहार की शुरूआत
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कैसे भगवान कृष्ण ने तोड़ा था इंद्रदेव का अभिमान? जानें कैसे हुई गोवर्धन पूजा के त्योहार की शुरूआत

Nishika Shrivastava • LAST UPDATED : November 1, 2024, 8:31 pm IST
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कैसे भगवान कृष्ण ने तोड़ा था इंद्रदेव का अभिमान? जानें कैसे हुई गोवर्धन पूजा के त्योहार की शुरूआत

Govardhan Puja 2024

India News (इंडिया न्यूज), Govardhan Puja 2024: सनातन धर्म में गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja) को महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन देशभर में विशेष धूम-धाम देखने को मिलती है। दिवाली के अगले दिन यानी आज यह त्योहार मनाया जाता है। इस पावन अवसर पर गाय के गोबर से भगवान कृष्ण की तस्वीर बनाई जाती है, जिसकी शुभ मुहूर्त में विधिवत पूजा की जाती है। इसके साथ ही भगवान का पसंदीदा भोग लगाया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इन कार्यों को करने से साधक को सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। साथ ही जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए दान भी किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गोवर्धन पूजा का त्योहार क्यों मनाया जाता है? तो यहां जानें इसके पीछे की वजह और कैसे हुई थी गोवर्धन पूजा की शुरुआत।

ऐसे हुई थी गोवर्धन पूजा की शुरुआत

पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान कृष्ण ने कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को इंद्रदेव का अभिमान तोड़ा था। जगत के उद्धारक भगवान कृष्ण ने ब्रजवासियों को इंद्र के प्रकोप से बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी तर्जनी अंगुली पर उठा लिया था। इसके बाद सभी ब्रजवासी अपने पशुओं के साथ पर्वत से नीचे उतर आए, जिससे वो इंद्रदेव के प्रकोप से बच गए। इसके बाद ब्रजवासियों ने भगवान कृष्ण की पूजा की और उन्हें भोग लगाया। तब से हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा का त्योहार मनाया जाता है।

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गोवर्धन पूजा 2024 तिथि और समय

पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 01 नवंबर को शाम 06:16 बजे से शुरू होगी। वहीं, इसका समापन 02 नवंबर को रात 08:21 बजे होगा। ऐसे में गोवर्धन पूजा का पर्व 02 नवंबर को मनाया जाएगा। इस दिन पूजा करने का शुभ मुहूर्त इस प्रकार है-

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  • प्रातः काल का मुहूर्त- सुबह 06:34 बजे से सुबह 08:46 बजे तक।
  • विजय मुहूर्त- दोपहर 02:09 बजे से दोपहर 02:56 बजे तक।
  • शाम का मुहूर्त- दोपहर 03:23 बजे से शाम 05:35 बजे तक।
  • गोधूलि मुहूर्त- शाम 06:05 बजे से शाम 06:30 बजे तक।
  • त्रिपुष्कर योग- रात 08:21 बजे से 3 नवंबर को सुबह 05:58 बजे तक।

 

 

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