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UP में सरकारी डॉक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस पर HC का एक्शन,सरकार को दिए सख्त आदेश

India News UP (इंडिया न्यूज़), Allahabad HC: उत्तर प्रदेश में सरकारी डॉक्टरों की निजी प्रैक्टिस का मामला अब तूल पकड़ चुका है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाते हुए सरकार को फटकार लगाई और स्पष्ट निर्देश दिए कि सरकारी डॉक्टरों को निजी प्रैक्टिस से रोकने के लिए ऐसी कार्रवाई की जाए कि […]

BY: Harsh Srivastava • UPDATED :
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India News UP (इंडिया न्यूज़), Allahabad HC: उत्तर प्रदेश में सरकारी डॉक्टरों की निजी प्रैक्टिस का मामला अब तूल पकड़ चुका है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाते हुए सरकार को फटकार लगाई और स्पष्ट निर्देश दिए कि सरकारी डॉक्टरों को निजी प्रैक्टिस से रोकने के लिए ऐसी कार्रवाई की जाए कि वे खुद ही इससे दूर हो जाएं।

कोर्ट ने सरकार को लताड़ा, सख्त कार्रवाई के निर्देश

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न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की बेंच ने इस मामले की सुनवाई करते हुए सरकार से पूछा कि आखिर अब तक सरकारी डॉक्टरों पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई? कोर्ट ने सरकार की अधूरी रिपोर्ट पर नाराजगी जताई और प्रमुख चिकित्सा शिक्षा सचिव से व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने को कहा। राज्य सरकार की ओर से दाखिल हलफनामे में बताया गया कि प्रदेश के 37 जिलों में निजी प्रैक्टिस कर रहे सरकारी डॉक्टरों की पहचान हो चुकी है और उनके खिलाफ जांच जारी है। लेकिन कोर्ट ने सरकार की सुस्ती पर सवाल उठाए और तत्काल ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए।

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10 लाख रुपये के हर्जाने का मामला भी आया सामने

इस मामले में मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के किडनी रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद गुप्ता द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई हो रही थी। याचिका में एक मामले का भी जिक्र किया गया, जहां राज्य उपभोक्ता आयोग ने एक सरकारी डॉक्टर को निजी नर्सिंग होम में सेवा देने के लिए 10 लाख रुपये का हर्जाना भरने का आदेश दिया था।

सरकार मौन, हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सरकार उन डॉक्टरों पर एक्शन लेने में ढील बरत रही है जो खुलेआम निजी प्रैक्टिस में लिप्त हैं। अपर महाधिवक्ता ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि जल्द से जल्द सभी जिलों से रिपोर्ट तलब की जाएगी और ठोस कदम उठाए जाएंगे। अब देखना होगा कि सरकार कब तक इस गंभीर मुद्दे पर कार्रवाई करती है, या फिर हाईकोर्ट को और कड़े कदम उठाने पड़ेंगे!

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