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UPI ट्रांजैक्शन के नियमों में बड़ा बदलाव, सरकार के फैसले से किसके ऊपर पड़ेगा असर, यहाँ जानिए

इस योजना के तहत केवल छोटे व्यापारियों के लिए 2,000 रुपये तक के यूपीआई लेनदेन को कवर किया गया है। बयान में कहा गया है, 'छोटे व्यापारी वर्ग के लिए 2,000 रुपये तक के लेनदेन के लिए लेनदेन मूल्य के 0.15 प्रतिशत की दर से प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा।'

BY: Ashish kumar Rai • UPDATED :
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India News (इंडिया न्यूज), UPI transaction: केंद्र की मोदी सरकार ने छोटे लेन-देन पर बड़ी राहत दी है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 2,000 रुपये से कम मूल्य के यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए करीब 1,500 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी। इस योजना के तहत सरकार किसी व्यक्ति द्वारा किसी व्यापारी को किए गए 2,000 रुपये से कम के भुगतान पर एमडीआर (मर्चेंट डिस्काउंट रेट) लागत वहन करेगी। इसका खास तौर पर फायदा छोटे कारोबारियों को होगा। सरकार का लक्ष्य कारोबारियों और उपभोक्ताओं पर वित्तीय बोझ कम करते हुए डिजिटल भुगतान की पहुंच बढ़ाना है।

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जानें डिटेल

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अपने बयान में कहा, ‘बुधवार को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ‘कम मूल्य के भीम-यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए व्यक्ति से व्यापारी (पी2एम) प्रोत्साहन योजना’ को मंजूरी दी। कम मूल्य के भीम-यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा देने की योजना को 1,500 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से लागू किया जाएगा। इस योजना के तहत केवल छोटे व्यापारियों के लिए 2,000 रुपये तक के यूपीआई लेनदेन को कवर किया गया है। बयान में कहा गया है, ‘छोटे व्यापारी वर्ग के लिए 2,000 रुपये तक के लेनदेन के लिए लेनदेन मूल्य के 0.15 प्रतिशत की दर से प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा।’

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क्या है मर्चेंट डिस्काउंट रेट?

आपको बता दें कि कोरोना से पहले 2,000 रुपये से कम के यूपीआई लेनदेन पर एमडीआर वसूला जाता था, लेकिन साल 2020 में इसे माफ कर दिया गया। इसका मकसद यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा देना था। आपको बता दें कि मर्चेंट डिस्काउंट रेट को एमडीआर कहा जाता है। यह चार्ज आमतौर पर दुकानदारों यानी व्यापारियों द्वारा बैंक को ऑनलाइन पेमेंट प्रोसेस करने के लिए दिया जाता है। इसका मतलब यह है कि सरकार का नया फैसला उन लोगों के लिए है जो अपनी खुद की दुकान या कारोबार करते हैं।

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