India News (इंडिया न्यूज), Uttarakhand Cyber Crime: उत्तराखंड में दो युवकों की लग्जरी लाइफस्टाइल देखकर हर कोई हैरान था। जब पुलिस ने इनकी जांच की, तो सामने आया कि ये 12वीं फेल युवक करोड़ों रुपये कमा चुके थे। लेकिन ये पैसे किसी मेहनत से नहीं, बल्कि साइबर ठगी से आए थे। साइबर अपराधी नए-नए तरीकों से लोगों को ठगने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि हम जागरूक रहें और दूसरों को भी सतर्क करें।
म्यांमार में साइबर ठगी के शिकार 530 भारतीयों को भारत सरकार ने रेस्क्यू किया। इनमें 22 युवक उत्तराखंड से थे। पूछताछ के दौरान दो आरोपियों हरजिंद्र सिंह और संदीप का नाम सामने आया। जांच में पता चला कि ये लोग दो साल से साइबर अपराधियों के लिए भारतीय बैंक अकाउंट उपलब्ध करवा रहे थे।
Uttarakhand Cyber Crime उत्तराखंड साइबर अपराध
हरजिंद्र और संदीप ने 20 से ज्यादा फर्जी बैंक अकाउंट खुलवाए थे। ये अकाउंट और उनके पासवर्ड, ओटीपी जैसी सारी जानकारी म्यांमार में बैठे चाइनीज साइबर अपराधियों को बेच दी जाती थी। बदले में इन्हें अब तक 1 करोड़ 20 लाख रुपये का कमीशन मिल चुका था।
STF की जांच में सामने आया कि ये आरोपी टेलीग्राम एप के जरिए अपराधियों के संपर्क में आए थे। वे क्रिप्टोकरेंसी और डार्क वेब के जरिए ठगी की रकम विदेश भेजते थे, जिससे बैंक अकाउंट होल्डर को भनक तक नहीं लगती थी। संदीप तो इतना शातिर था कि उसे मलेशिया बुलाया गया, जहां उसने साइबर ठगी के लिए मजबूर किए गए लोगों को ट्रेनिंग भी दी।
कभी भी अपने बैंक अकाउंट को किसी को किराए पर न दें।
अनजान लोगों के कहने पर नया अकाउंट न खोलें।
अगर कोई आपको अपने अकाउंट से पैसे ट्रांसफर करने का लालच दे, तो सतर्क हो जाएं।
साइबर अपराध की जानकारी के लिए पुलिस या साइबर सेल से संपर्क करें।