India News (इंडिया न्यूज), Russia Ukraine War: यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने एक ऐसी चाल चली है, जिसने रूस ही नहीं, बल्कि अमेरिका को भी उलझन में डाल दिया है। जेपोरिजिया परमाणु संयंत्र (ZNPP), जो अभी रूस के नियंत्रण में है, अब कूटनीतिक मोहरा बन गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बातचीत के दौरान जेलेंस्की ने इस संयंत्र को अमेरिकी निवेश के लिए खोलने की इच्छा जताई। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि जब जेपोरिजिया रूस पर कब्जा कर लेगा, तो अमेरिका इसे कैसे हासिल करेगा? आपको जानकारी के लिए बता दें कि, रूस मार्च 2022 से जेपोरिजिया परमाणु संयंत्र को नियंत्रित कर रहा है। यह संयंत्र यूक्रेन की एक तिहाई ऊर्जा जरूरतों का उत्पादन करता है और रणनीतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है।
ऐसे में ट्रंप का यह कदम अमेरिका और रूस को सीधे मुकाबले में ला सकता है। ट्रंप के यूक्रेन मामलों के सलाहकार और पूर्व जनरल कीथ केलॉग के मुताबिक, जब ट्रंप ने जेलेंस्की से पूछा कि क्या वे जेपोरिजिया संयंत्र में अमेरिकी निवेश पर विचार करेंगे, तो जेलेंस्की ने तुरंत ‘हां’ कह दिया! केलॉग का कहना है कि यह प्रस्ताव ट्रंप के लिए ‘त्रिआयामी शतरंज’ की तरह है, जिसमें वह रूस, यूक्रेन और अमेरिकी हितों के बीच संतुलन बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
Russia Ukraine War (इस वजह से शुरू होगा तीसरा विश्व युद्ध)
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए जेपोरिजिया सिर्फ एक परमाणु संयंत्र नहीं है, बल्कि यूक्रेन में रूसी प्रभुत्व का प्रतीक है। रूस और यूक्रेन लगातार एक दूसरे पर इस संयंत्र पर हमला करने का आरोप लगाते रहे हैं। रूसी रक्षा मंत्रालय का दावा है कि यूक्रेन ने इस संयंत्र पर फिर से कब्जा करने के लिए कई बार हमला किया, लेकिन वे सभी विफल रहे। दूसरी ओर, यूक्रेन का कहना है कि रूस इस संयंत्र का इस्तेमाल ‘परमाणु हथियार’ के तौर पर कर रहा है। रूसी सेना इस संयंत्र की सुरक्षा कर रही है और यूक्रेनी सैनिकों ने सिर्फ 5 किलोमीटर की दूरी पर मोर्चा संभाल रखा है। अब सवाल यह है कि अगर अमेरिका इस संयंत्र पर कब्जा करने की कोशिश करता है, तो रूस की क्या प्रतिक्रिया होगी? क्या इस मुद्दे पर ट्रंप और पुतिन के बीच सीधा टकराव होगा?
आपको जानकारी के लिए बता दें कि हाल ही में ट्रंप और पुतिन के बीच दो बार फोन पर बातचीत हुई है, जिसमें ट्रंप ने रूस और यूक्रेन के बीच लंबी दूरी के हमलों को रोकने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन अब जबकि जेलेंस्की खुले तौर पर ZNPP को अमेरिका को सौंपने की बात कर रहे हैं, तो यह समीकरण पूरी तरह बदल सकता है। अगर अमेरिका इस प्लांट में दखल देता है तो रूस इसे युद्ध भड़काने की कोशिश मानेगा। इससे अमेरिका और रूस के बीच तनाव और बढ़ सकता है और यूक्रेन में युद्ध एक नए दौर में प्रवेश कर सकता है।