Ganesh Chaturthi 2025: भक्ति और मस्ती का डबल डोज, इन टॉप गणपति गानों से सजाइए अपनी प्लेलिस्ट
Ganesh Chaturthi 2025: गणेश चतुर्थी 2025 इस साल 27 अगस्त को मनाई जाएगी और 6 सितंबर को अनंत चतुर्दशी पर बप्पा का विसर्जन होगा। यह पर्व भक्ति, उल्लास और संगीत का अद्भुत संगम है। गणेशोत्सव में बॉलीवुड गानों की धुनें हर साल रंग भर देती हैं ,आइए जानतें हैं कुछ फेमस गानों के बारें में जो गणेशोत्सव में जान भर देतें हैं…
गणेश चतुर्थी 2025 (Ganesh Chaturthi 2025)
गणेश चतुर्थी का त्योहार हर साल भक्तों के लिए भक्ति और उत्साह का अनोखा संगम लेकर आता है। इस बार 27 अगस्त को गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी और 6 सितंबर को अनंत चतुर्दशी पर गणपति बप्पा का विसर्जन होगा। भक्त बप्पा से प्रार्थना करेंगे कि वे अगले साल जल्दी लौटें। इस त्योहार में सिर्फ पूजा-अर्चना ही नहीं, बल्कि ढोल-ताशे, संगीत और बॉलीवुड गानों का भी खास रंग देखने को मिलता है।
श्री गणेशा देवा (Deva Shree Ganesha)
फिल्म अग्निपथ का गाना ‘श्री गणेशा देवा’ गणेश उत्सव की जान बन चुका है। गली-मोहल्ले से लेकर बड़े-बड़े पंडालों तक यह गीत जरूर गूंजता है। इसके बिना गणपति महोत्सव अधूरा सा लगता है।
सिंदूर लाल चढ़ायो (Shendur Laal Chadhayo)
संजय दत्त की फिल्म वास्तव का गाना ‘सिंदूर लाल चढ़ायो’ भी गणेश भक्तों के बीच बेहद लोकप्रिय है। गणेश चतुर्थी के दिन इस गाने की धूम पूरे देश में रहती है और यह माहौल को और भी भक्तिमय बना देता है।
मोरया रे (Bappa Moriya Re)
शाहरुख खान की फिल्म डॉन (2006) का गाना ‘मोरया रे’ गणेशोत्सव का असली रंग दिखाता है। यह गाना ऊर्जा और उत्साह से भरपूर है और गणपति विसर्जन के समय हर जगह बजता हुआ सुनाई देता है।
गजानन (Gajanana )
संजय लीला भंसाली की फिल्म बाजीराव मस्तानी का गीत “गजानन” गणपति बप्पा को समर्पित सबसे सुंदर भजनों में से एक है। यह गाना सुनते ही मन भक्ति भाव से भर जाता है ।
देवा हो देवा गणपति देवा (Deva Ho Deva Ganpati Deva)
फिल्म हमसे बढ़कर कौन (1981) का गीत “देवा हो देवा गणपति देवा” पिछले चार दशकों से गणेश उत्सव की जान बना हुआ है। यह गाना आज भी हर पंडाल में गूंजता है और भक्तों को झूमने पर मजबूर कर देता है।
हां रे हां (Ventilator movie Song)
फिल्म वेंटिलेटर का गीत ‘हां रे हां’ गणपति उत्सव का आधुनिक अंदाज पेश करता है। ढोल-ताशों की धुन और मुंबई-पुणे के गणेशोत्सव की झलक इस गाने को खास बनाती है। लालबाग चा राजा और गणेश गली जैसे प्रसिद्ध पंडालों के दृश्य इसमें देखने को मिलते हैं, जो भक्ति और उत्सव का असली रंग दिखाते हैं।