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Haryana Drug Free Campaign: हरियाणा नशे के खिलाफ लड़ाई में पूरे देश के लिए एक मिसाल बन चुका है. सीएम नायब सिंह सैनी के नेतृत्व और हरियाणा पुलिस की निर्णायक कार्रवाइयों ने नशा उन्मूलन को एक सरकारी कार्यक्रम से आगे बढ़ाकर सामाजिक आंदोलन का रूप दे दिया है. जनवरी से अगस्त 2025 तक की उपलब्धियाँ बताती हैं कि सरकार, पुलिस और समाज की साझी जिम्मेदारी ने मिलकर हरियाणा को नशामुक्ति की दिशा में ऐतिहासिक उपलब्धियों तक पहुंचाया है.
जमीनी स्तर पर दिखा बदलाव
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पदभार संभालते ही नशामुक्त हरियाणा को प्राथमिकता दी। पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने स्पष्ट किया कि यह केवल कानून-व्यवस्था का मुद्दा नहीं है, बल्कि सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारी भी है. कठोर कानून प्रवर्तन, अवैध संपत्ति पर आर्थिक प्रहार और जनजागरूकता अभियानों ने मिलकर इसे एक व्यापक आंदोलन में बदल दिया.
वर्ष 2025 के शुरुआती सात महीनों में हरियाणा के 7354 गांवों में से 4233 गांव नशामुक्त घोषित किए गए. इसी तरह, 1956 शहरी वार्डों में से 910 वार्ड अब नशामुक्त श्रेणी में शामिल हैं. कुरुक्षेत्र जिले ने 410 गांव नशामुक्त कर राज्य में अग्रणी स्थान प्राप्त किया. नूंह (310 गांव) और कैथल (232 गांव) भी इस सूची में उल्लेखनीय रहे. यह उपलब्धि CID और HSNCB की संयुक्त सत्यापन प्रणाली से और भी पारदर्शी बनी. इससे स्पष्ट होता है कि नशा उन्मूलन अब केवल प्रशासनिक कदम नहीं, बल्कि सामाजिक क्रांति का प्रतीक है.
अदालतों में बढ़ती सजा दर
नशा तस्करों के खिलाफ अदालतों में भी कड़ा रुख अपनाया गया. जनवरी-जुलाई 2025 में 67 कमर्शियल क्वांटिटी मामलों का निपटारा हुआ, जिनमें 42 मामलों में दोषसिद्धि दर्ज हुई. औसत सजा दर 62.68% रही. विशेष रूप से हिसार, गुरुग्राम, नूंह, फरीदाबाद और सिरसा में 100% दोषसिद्धि हासिल हुई, जो यह दर्शाती है कि पुलिस और अभियोजन पक्ष अपराधियों को न्याय दिलाने में पूरी तरह सफल रहे.
नशा कारोबार की रीढ़ तोड़ने के लिए NDPS एक्ट की धारा 68F के तहत तस्करों की संपत्तियों को निशाना बनाया गया. वर्ष 2025 में अब तक 1.75 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां जब्त/फ्रीज की गईं. 32.18 करोड़ रुपये की संपत्तियों की जब्ती की प्रक्रिया जारी है.
अब तक इतने आरोपियों को किया गिरफ्तार
जनवरी से अगस्त 2025 तक 307 कमर्शियल क्वांटिटी मामलों में एफआईआर दर्ज हुईं। 783 आरोपियों को नामजद किया गया, जिनमें से 437 को मौके पर ही गिरफ्तार किया गया. लना करें तो वर्ष 2024 में 1158 आरोपियों में से 613 मौके पर पकड़े गए थे। यह आँकड़े दर्शाते हैं कि पुलिस का खुफिया तंत्र और त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता पहले से कहीं अधिक मजबूत हुई है.