Ticket Cancel Rules: भारत में हर दिन करोड़ों लोग रेल यात्रा करते हैं. ये यात्रा न केवल किफायती होती है बल्कि सुविधाजनक और सुरक्षित भी मानी जाती है. हाल ही में भारतीय रेलवे ने टिकट से संबंधित कई नियमों में बदलाव किए हैं, जिनमें तत्काल टिकट, वेटिंग लिस्ट, चार्ट बनाने के समय और किराए की नई व्यवस्था शामिल है. इन बदलावों के साथ यात्रियों में सबसे ज्यादा भ्रम रिफंड नियमों को लेकर रहता है – खासकर तब, जब ट्रेन खुलने से कुछ घंटे पहले टिकट कैंसिल किया जाए.
भारतीय रेलवे द्वारा रिफंड की प्रक्रिया समय के आधार पर निर्धारित की गई है. टिकट कैंसिल करने का समय जैसे-जैसे ट्रेन के प्रस्थान के करीब आता है, रिफंड की राशि घटती जाती है. इसे मुख्यतः तीन कैटेगरी में बांटा गया है:
1. 48 घंटे से 12 घंटे पहले
2. 12 घंटे से 4 घंटे पहले
3. 4 घंटे से कम समय में
48 घंटे से 12 घंटे पहले टिकट कैंसिल पर
अगर कोई यात्री ट्रेन के प्रस्थान से 48 घंटे से 12 घंटे पहले कन्फर्म टिकट को रद्द करता है, तो टिकट किराए का 25% काट लिया जाता है. ये नियम सभी कैटेगरी जैसे नॉन-एसी और एसी क्लास दोनों पर लागू होता है. वेटिंग टिकट के मामले में कटौती की राशि इससे भी कम हो सकती है.
12 घंटे से 4 घंटे पहले कैंसिल पर रिफंड
यदि आप ट्रेन के रवाना होने से 12 घंटे से 4 घंटे पहले टिकट रद्द करते हैं, तो रेलवे 50% तक टिकट किराया काटता है. चाहे टिकट एसी का हो या सामान्य, सभी पर ये कटौती समान रूप से लागू होती है. वेटिंग लिस्ट टिकट में थोड़ी राहत मिलती है और कम कटौती होती है.
जब कोई यात्री ट्रेन खुलने से 4 घंटे से कम समय में टिकट कैंसिल करता है और टिकट कन्फर्म है, तो कोई रिफंड नहीं मिलता. हालांकि, वेटिंग टिकट की स्थिति में आंशिक रिफंड मिल सकता है. इसलिए यात्रियों को टिकट समय पर कैंसिल करने की सलाह दी जाती है.