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आखिर क्यों और कैसे लंबी उम्र तक जी पाती हैं महिलाएं? खुल गया हजारों साल का राज़

Male Mortality Rate: दुनिया भर के आंकड़ों का कहना है कि महिलाएं पुरुषों से ज़्यादा जीती हैं. चाहे अमेरिका हो या भारत हो या कोई और देश. चलिए जान लेते हैं ऐसा क्यों होता है?

Written By: Heena Khan
Last Updated: 2025-09-13 09:27:21

Why Do Women Live Longer: हर कोई ये बात कहता है कि पुरुष महिला से ज्यादा ताकतवर होता है. जब हम किसी पुरुष और महिला को साथ देखते हैं, तो आमतौर पर हमें लगता है कि पुरुष ज़्यादा मज़बूत होते हैं. वो देखने में भी महिला से ज्यादा ताकतवर लगते हैं, उनकी मांसपेशियाँ ज़्यादा होती हैं, दौड़ने में फुर्तीले होते हैं और वजन वाला सामान भी आसानी से उठा लेते हैं. लेकिन जब बात स्वास्थ्य और लंबी उम्र की आती है, तो पूरी काया ही पलट जाती है. दुनिया भर के आंकड़ों के मुताबिक महिलाएं पुरुषों से ज्यादा जीती हैं. आइए जान लेते हैं ऐसा क्यों कहा जाता है. 

महिलाएं पैदा होते ही स्वस्थ होने लगती हैं

जन्म के समय लड़कियों की शारीरिक संरचना थोड़ी मजबूत होती है. शोध बताते हैं कि नवजात लड़कियों की मृत्यु दर नवजात लड़कों की तुलना में कम होती है. यानी जब एक लड़का और एक लड़की पैदा होते हैं, तो लड़की के बचने की संभावना लड़के की तुलना में ज़्यादा होती है. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण क्रोमोसोम हैं. महिलाओं में दो X क्रोमोसोम होते हैं, जबकि पुरुषों में एक X और एक Y क्रोमोसोम होता है. Y क्रोमोसोम, X से छोटा होता है और इसमें रोगों से लड़ने वाले जीन कम होते हैं. दोहरा X क्रोमोसोम महिलाओं को रोगों से लड़ने के लिए एक बैकअप प्लान देता है.

हार्मोन का असर 

पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन होता है. यह हार्मोन आवाज़ को भारी बनाता है, शरीर में रोम बढ़ाता है और मांसपेशियों को मज़बूत बनाता है. लेकिन यह हार्मोन समय के साथ शरीर को, खासकर हृदय को, नुकसान भी पहुँचाता है. वहीं दूसरी ओर, महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन होता है, जो न केवल शरीर को संतुलित रखता है, बल्कि हृदय की भी रक्षा करता है. इस कारण महिलाओं को हृदय संबंधी बीमारियाँ कम होती हैं.

जीवनशैली में फर्क 

 पुरुषों की जीवनशैली आमतौर पर महिलाओं की तुलना में ज़्यादा जोखिम भरी होती है. पुरुष धूम्रपान, शराब और तंबाकू का अधिक सेवन करते हैं. पुरुषों में आत्महत्या और दुर्घटना से मृत्यु की संभावना भी अधिक होती है. इसके अलावा, महिलाएँ अक्सर सामाजिक रूप से ज़्यादा जुड़ी होती हैं. वे घर के कामों में सक्रिय रहती हैं और अपने खान-पान व स्वास्थ्य के प्रति ज़्यादा सतर्क रहती हैं.

हृदय में भी होता है अंतर 

महिलाओं के शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल) की मात्रा ज़्यादा होती है, जो हृदय की रक्षा करता है. महिलाओं में एचडीएल का औसत स्तर 60.3 मिलीग्राम/डीएल होता है, जबकि पुरुषों में यह केवल 48.5 मिलीग्राम/डीएल होता है. इसका सीधा असर यह होता है कि महिलाओं को हृदय रोग कम होते हैं. उनका मेटाबॉलिज़्म अच्छा रहता है, यानी शरीर खाना बेहतर तरीके से पचा पाता है. मोटापा और डायबिटीज़ जैसी बीमारियों का ख़तरा भी कम होता है.

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