International Chocolate Day: आज एक ऐसा दिन है जिसे जानते ही आपका मन खुश हो जायेगा. जी हां आज चॉकलेट डे है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हर साल 13 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय चॉकलेट दिवस मनाया जाता है, जिसका नाम सुनते ही सबके चेहरे पर मुस्कान आ जाती है. यह न सिर्फ़ स्वादिष्ट होती है, बल्कि मन को सुकून देने में भी मदद करती है. आज हम आपको चॉकलेट से जुड़ी कई ऐसी बातें बताएंगे जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे.
5,000 साल पुराना कोको का सेवन
जानकारी के मुताबिक इक्वाडोर की प्राचीन मेयो-चिंचिपे संस्कृति के लोग 3,300 ईसा पूर्व से ही कोको के पदार्थ का सेवन करते थे. लेकिन, माया सभ्यता के अपने चरम पर पहुंचने के बाद, 250 और 850 ईस्वी के बीच, हमें मनुष्यों द्वारा चॉकलेट के आधुनिक रूप, एक गर्म पेय के रूप में सेवन करने के पहले प्रमाण मिलते हैं. यह एज़्टेक लोगों के बीच भी लोकप्रिय हुआ, जिन्होंने इसे अचियोट नामक पदार्थ से लाल रंग दिया.
देवताओं का भोजन है चॉकलेट
चॉकलेट का वैज्ञानिक नाम थियोब्रोमा कोको है, जिसका अनुवाद “देवताओं का भोजन” होता है. यह नाम इसे 1700 के दशक के मध्य में स्वीडिश प्रकृतिवादी कार्ल लिनिअस ने दिया था, जिन्होंने जानवरों और पौधों की प्रजातियों को वर्गीकृत करने की हमारी प्रणाली का आविष्कार किया था.
ब्रिटेन में चॉकलेट की पहली खेप को समझा भेड़ की लीद
अगर यह गलती न होती, तो ब्रिटेन को चॉकलेट का स्वाद थोड़ा पहले मिल जाता. 16वीं सदी में जब कोको बीन्स की एक स्पेनिश खेप रास्ते से भटक गई और ब्रिटेन के तट पर उसे ज़ब्त कर लिया गया, तो उसे पकड़ने वालों ने सोचा कि उसमें भेड़ की लीद है और उसे जला दिया.
कुत्ते के लिए जानलेवा है चॉकलेट
अक्सर चॉकलेट खाते समय हम अपने कुत्ते को भी एक टुकड़ा दे देते हैं. जबकि आपको पता होना चाहिए कि चॉकलेट आपके कुत्ते के लिए बेहद हानिकारक है. चॉकलेट में थियोब्रोमाइन पाया जाता है, जो पालतू जानवरों के लिए खतरनाक है. इसे खाने से कुत्तों में दस्त, उल्टी और निर्जलीकरण के साथ-साथ दिल की धड़कन बढ़ सकती है, जिससे उनकी मौत भी हो सकती है. इसलिए, कुत्ते को कभी भी चॉकलेट न दें.
100 साल पुरानी हैं ये चॉकलेट
हमारे कई पसंदीदा चॉकलेट बार का आविष्कार 1920 और 1930 के दशक में कोको-आधारित रचनात्मकता के स्वर्णिम युग के दौरान हुआ था. इस समय लॉन्च किए गए उत्पादों में 1920 के दशक में कैडबरी के फ्लेक, फ्रूट एंड नट और क्रंची बार, 1933 में मार्स बार, 1935 में मिल्की वे और किटकैट, 1936 में माल्टीज़र्स और 1937 में एयरो और स्मार्टीज़ शामिल हैं.