कैसे हुई धोखाधड़ी की शुरुआत ?
ग्रामीणों को कैसे फंसाया गया?
‘जादुई लोटा’ की कहानी कैसे गढ़ी गई?
योजना यह बनाई गई कि इसकी बिक्री विदेश में कराई जाएगी और खर्चों को पूरा करने के लिए ग्रामीणों से पैसे जुटाए जाएंगे. यही रकम आगे जाकर “अनुदान” के रूप में लौटाई जाएगी. इसी लालच में लोगों से लाखों रुपये वसूले गए.
पुलिस की कार्रवाई
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में राजेंद्र कुमार दिव्य, तुरेंद्र उर्फ मनीष कुमार दिव्य, प्रकाश चंद्र धृतलहरे और उपेंद्र कुमार सारथी शामिल हैं. पुलिस ने इनके कब्जे से एक कार, मोबाइल और जरूरी दस्तावेज जब्त किए हैं, जिनकी कीमत करीब 13 लाख रुपये बताई जा रही है. पुलिस की जांच में सामने आया कि इस ठगी का असली सूत्रधार महेंद्र बहादुर सिंह ठाकुर है. वह अभी फरार है और उसकी तलाश की जा रही है। अनुमान लगाया जा रहा है कि ठगी की रकम 2 करोड़ से कहीं ज्यादा हो सकती है.