1980 के दशक में बॉलीवुड में हॉरर फिल्मों का एक अनोखा दौर शुरू हुआ. कम बजट में बनी इन फिल्मों ने लोगों को डराने के साथ-साथ बॉक्स ऑफिस पर भी अच्छी कमाई की. इस दौर की सबसे चर्चित फिल्म रही – वीराना. रामसे ब्रदर्स द्वारा बनाई गई इस फिल्म ने न केवल लोगों को चौंकाया बल्कि आज भी इससे जुड़ी कई बातें लोगों को हैरान कर देती हैं.
वीराना को 1985 में रिलीज किया जाना था, लेकिन फिल्म को सेंसर बोर्ड से पास कराने में तीन साल लग गए. कारण था फिल्म में मौजूद कुछ बोल्ड और डरावने दृश्य, जिन पर बोर्ड ने आपत्ति जताई. कुल 46 कट्स के बाद जाकर फिल्म को हरी झंडी मिली और 8 मई 1988 को ये रिलीज हो सकी. इस दौरान फिल्म का पोस्टर भी 1985 में ही जारी कर दिया गया था, जिससे लोगों की उत्सुकता और भी बढ़ गई थी.
रहस्य बनीं फिल्म की हीरोइन
वीराना की सबसे चर्चित और रहस्यमयी कड़ी रही इसकी लीड एक्ट्रेस जैसमिन. इस फिल्म में उन्होंने बोल्ड और डरावने सीन्स के जरिए खूब सुर्खियां बटोरीं, लेकिन इसके बाद वे अचानक गायब हो गईं. कई रिपोर्ट्स में कहा गया कि उन्हें अंडरवर्ल्ड से धमकियां मिल रही थीं, तो कुछ में दावा किया गया कि वे अमेरिका जाकर बस गईं. उनकी गुमनामी आज भी एक रहस्य बनी हुई है.
रामसे ब्रदर्स: हॉरर फिल्मों के जनक
रामसे ब्रदर्स, विशेष रूप से श्याम रामसे और तुलसी रामसे, ने इस फिल्म का निर्देशन किया था. इन भाइयों ने बॉलीवुड में हॉरर को एक नई पहचान दी. फिल्म की कहानी के पीछे भी एक दिलचस्प किस्सा जुड़ा है – 1983 में महाबलेश्वर से लौटते समय श्याम रामसे ने एक सुनसान जगह पर एक रहस्यमयी महिला को देखा, जिसने उन्हें ‘वीराना’ बनाने की प्रेरणा दी.
करीब 45 लाख रुपये के बजट में बनी वीराना ने 2.70 करोड़ रुपये की कमाई की और ब्लॉकबस्टर साबित हुई. इसमें हेमंत बिरजे, साहिल चड्ढा और गुलशन ग्रोवर जैसे कलाकार थे. हालांकि, फिल्म की भारी सफलता के बावजूद इन अभिनेताओं के करियर को कोई खास उछाल नहीं मिला.