Guess The Film : बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट कहे जाने वाले आमिर खान ने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में अपने करियर के 37 साल पूरे कर लिए हैं. इस लंबे सफर में उन्होंने एक से बढ़कर एक हिट, सुपरहिट और ब्लॉकबस्टर फिल्में दी हैं. आमिर सिर्फ एक्टर नहीं, बल्कि एक सोच हैं, जो हर बार कुछ नया करने की कोशिश करते हैं. उनका सिनेमा सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि एक एक्सपीरिएंस होता है.
आमिर ने अपने करियर की शुरुआत बतौर बाल कलाकार की थी और अपने चाचा नासिर हुसैन को फिल्मों में असिस्ट भी किया था. लेकिन बतौर लीड एक्टर उन्हें पहली बड़ी पहचान 1988 में आई फिल्म ‘कयामत से कयामत तक’ से मिली. ये फिल्म ब्लॉकबस्टर रही और यहीं से आमिर के स्टार बनने का सफर शुरू हुआ. तब से लेकर आज तक उन्होंने लगातार दर्शकों का दिल जीता है.
‘पीके’ के लिए की दो साल की मेहनत
आमिर खान उन चुनिंदा कलाकारों में से हैं जो हर किरदार के लिए खुद को पूरी तरह झोंक देते हैं. 2014 में आई फिल्म ‘पीके’ इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. इस फिल्म में उन्होंने एक एलियन का रोल किथा, जो पृथ्वी पर आकर इंसानों की सोच और धर्म पर सवाल उठाता है.
इस किरदार को प्रभावी बनाने के लिए आमिर ने दो साल तक भोजपुरी भाषा सीखी. उन्होंने टीवी स्टार शांति भूषण से विशेष ट्रेनिंग ली ताकि भोजपुरी लहजे को पूरी तरह आत्मसात कर सकें. उनका समर्पण पर्दे पर साफ नजर आया और यही वजह रही कि ये किरदार लोगों के दिलों में बस गया.
85 करोड़ में बनी, 800 करोड़ की कमाई
‘पीके’ को राजकुमार हिरानी ने निर्देशित किया था और इसमें आमिर के साथ अनुष्का शर्मा, सौरभ शुक्ला, बोमन ईरानी और परीक्षित साहनी जैसे कलाकार नजर आए थे. फिल्म का बजट महज 85 करोड़ रुपये था, लेकिन इसने दुनियाभर में करीब 800 करोड़ रुपये का कारोबार किया. भारत में इसकी कमाई 340 करोड़ से ज्यादा रही, जो उस समय का एक रिकॉर्ड था.
एक ऑल टाइम ब्लॉकबस्टर
‘पीके’ न केवल एक बड़ी कमर्शियल सक्सेस थी, बल्कि इसने सामाजिक संदेश भी दिया, जो लंबे समय तक लोगों को सोचने पर मजबूर करता रहा. आज भी ये फिल्म आमिर खान की सबसे सफल फिल्मों में से एक मानी जाती है और बॉलीवुड के इतिहास में इसकी जगह हमेशा खास रहेगी.