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I Love Muhammad पर क्यों छिड़ा विवाद, कानपुर में मुस्लिम लड़कों पर हुई FIR, जानिए पूरा मामला

Kanpur News: बरेली में दरगाह आला हज़रत ने कानपुर में "आई लव मोहम्मद" लिखा एक बोर्ड लगाने वाले 25 मुस्लिम लड़कों के ख़िलाफ़ दर्ज की गई एफ़आईआर पर कड़ी आपत्ति जताई है. जानिए क्या है पूरा मामला

Written By: Heena Khan
Last Updated: September 19, 2025 07:40:36 IST

I Love Muhammad Controversy: देश भर में “I Love Muhammad” को लेकर बवाल मचा हुआ. लोग सोशल मीडिया पर इस नारे के साथ स्टेटस और स्टोरी लगा रहे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये मामला क्या है और इस पर विवाद क्यों छिड़ा है. आइये इसे विस्तार से जानते हैं. दरअसल, उत्तर प्रदेश के बरेली स्थित दरगाह आला हज़रत से एक बड़ा फरमान जारी हुआ है. दरगाह ने कानपुर में “I Love Muhammad” का बोर्ड लगाने पर 25 मुस्लिम लड़कों के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर कड़ी आपत्ति जताई है. गौरतलब है कि जलसा-ए-मोहम्मदी के जुलूस के दौरान विवाद की स्थिति पैदा हो गई थी. 

जानिए क्यों मचा बवाल 

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कानपुर के रावतपुर स्थित सैयद नगर में रामनवमी जुलूस के गेट के सामने एक ट्रैक्टर पर “आई लव मोहम्मद” लिखा बोर्ड लगा दिया गया. इस पर दो गुटों में झड़प हो गई. इस दौरान मौके पर पहुंचे एसीपी रंजीत कुमार ने भीड़ को समझाकर मामला शांत करने की कोशिश की. गुस्साए हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता बोर्ड हटाने की मांग पर अड़े रहे.

भड़क उठे मुसलमान 

इस घटना के बाद बरेली दरगाह के पीछे के संगठन जमात रज़ा-ए-मुस्तफ़ा के राष्ट्रीय महासचिव फ़रमान हसन ख़ान ने इसी मामले पर भारतीय संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकारों का उल्लंघन बताया है. इस दौरान उन्होंने कहा कि ऐसा लिखना किसी भी सूरत में अपराध नहीं है. अभिव्यक्ति की आज़ादी लोकतंत्र की आत्मा है. इतना ही नहीं फरमान मियां ने ये भी कहा कि संविधान अनुच्छेद 19-1-ए के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और अनुच्छेद 25 के तहत धर्म के पालन की स्वतंत्रता की गारंटी देता, उन्होंने मेनका गांधी बनाम भारत संघ मामले का हवाला देते हुए पैगंबर मोहम्मद के प्रति प्रेम व्यक्त करने को कानूनी अधिकार बताया और अपील की कि किसी भी समुदाय के लोगों को अपने धार्मिक प्रेम और आस्था को व्यक्त करने से नहीं रोका जाना चाहिए. है. 

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