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Ghata Sthapana Muhurat 2025: जाने यहां घट स्थापना के 6 शुभ मुहूर्त, इसके बिना नवरात्रि की पूजा होती है अधूरी

Shardiya Navratri 2025 Ghatasthapana Shubh Muhurat: शारदीय नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना यानी कलश स्थापना की जाती है, कहा जाता है इसके बिना नवरात्रि पूजा अधूरी होती है, तो चलिए जानते हैं कि क्यों किया जाता है नवरात्रि घट स्थापना और कब है इस साल का शुभ मुहूर्त?

Written By: Chhaya Sharma
Last Updated: 2025-09-19 15:08:07

Navratri Ghatasthapana Shubh Muhurat 2025: हिंदू धर्म के पंचांग के अनुसार साल में 4 नवरात्रि मनाई जाती है, जिसमें से 2 गुप्त और 2 प्रकट वाली कहलाती है. वहीं अब आश्विन मास के शुक्ल पक्ष में मनाई जाने वाली नवरात्रि प्रकट होती है, जिसे शारदीय नवरात्रि भी कहा जाता है. हर साल शारदीय नवरात्रि आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाई जाती है और इस साल यह तिथि 22 सितंबर सोमवार के दिन देर रात 01:23 बजे से शुरू हो रही है, जो अगले दिन 23 सितंबर देर रात 02: 55 बजे तक रहेगी, ऐसे में शारदीय नवरात्रि का पहला व्रत 22 सितंबर को ही किया जाएगा.

शारदीय नवरात्रि में घट स्थापना की परंपरा

शारदीय नवरात्रि में व्रत के अलावा पहले दिन घट स्थापना की परंपरा भी होती है, क्योंकि कलश में त्रिदेवों (ब्रह्मा, विष्णु, शिव) का वास होता है और कलश स्थापना इसलिए किया जाता है ताकि सभी देवी-देवताओं को एक स्थान पर आमंत्रित किया जा सके. कलश स्थापना से घर में नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है

शारदीय नवरात्रि 2025 में घट स्थापना का शुभ मुहूर्त

  • सुबह 06 बजकर 09 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 06 मिनट तक
  • सुबह 09 बजकर 11 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 43 मिनट तक
  • सुबह 11 बजकर 48 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 37 मिनट तक (अभिजीत मुहूर्त)
  • दोपहर 01 बजकर 42 मिनट से लेकर 03 बजकर 13 मिनट तक
  • शाम 04 बजकर 45 मिनट से लेकर 06 बजकर 16 मिनट तक
  • शाम 06 बजकर 15 मिनट से लेकर रात 07 बजकर 44 मिनट तक

शारदीय नवरात्रि में किस दिन, देवी के कौन-से रूप की पूजा करें?

  • नवरात्रि के पहले दिन देवी शैलपुत्री की पूजा करें.
  • नवरात्रि के दूसरे दिन देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा करनी चाहिए.
  • नवरात्रि के तीसरे दिन देवी के चंद्रघंटा स्वरूप की उपासना करें.
  • नवरात्रि के चौथे दिन की मुख्य देवी कूष्मांडा हैं, इस दिन इनकी पूजा करें.
  • पांचवां दिन स्कंदमाता की पूजा के लिए श्रेष्ठ माना गया है.
  • छठे दिन देवी कात्यायनी की पूजा करें.
  • नवरात्रि के सातवें दिन देवी कालरात्रि की साधना करनी चाहिए.
  • आठवें दिन की मुख्य देवी महागौरी हैं. इस दिन इनकी पूजा शुभ रहती है.
  • नवरात्रि के अंतिम दिन देवी सिद्धिदात्री की पूजा करें.

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। India News इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।

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