Pitru Paksha 2025: पितृ पक्ष वह अवधी होती है, जिसमें हमारे पूर्वज पितृ लोक (Pitra Paksha 2025) से धरती पर आते हैं. इस दौरान मान्यता के अनुसार परिवार को लोगों को उनका पिंडदान और तर्पण करना होता है. यह पूरा समय पितरों को समर्पित होता है. पिंडदान करने से पितरों को शांति और तृप्ति प्राप्त होती है. इस साल श्राद्ध की शुरूआत 7 सितंबर से हुई थी. पित्र पक्ष ख्तम होने में अब कुछ ही समय बाकी है. आप श्राद्ध के समाप्त होने से पहले कुछ ज्योतिषीय उपाय जरूर कर लें. ऐसा करने से आपके पित्र प्रसन्न होंगे और आप पर आशीर्वाद बनाए रखेंगे. पितृ पक्ष का समापन सर्व पितृ अमावस्या के दिन होने जा रहा है. इसे महालया अमावस्या भी कहा जाता है. कल यानी 21 सिंतबर को अमावस्या का दिन है. इस दिन पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए तर्पण और श्राद्ध करना बहुत जरूरी है.
कब से शुरू हो रही है अमावस्या?
बता दें कि अमावस्या तिथि की शुरूआत 21 सितंबर की रात 12:16 बजे से होने जा रही है. जो करीब सितंबर 22 को रात 1:23 बजे तक रहेगी. पितरों का आशीर्वाद पाने का आखिरी और उत्तम अवसर इसी दिन को माना जा रहा है. रोहिणी या अभिजीत मुहूर्त में श्राद्ध और तर्पण करना सबसे ज्यादा उचित माना जाता है.
पित्रपक्ष खत्म होने से पहले कर ले ये काम
स्नान और तर्पण- सुबह सबसे पहले नदी में स्नान कर लें, या फिर पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें और फिर पितरों का पिंडदान करें
पितर देव की पूजा- इस दिन पितरों के देव अर्यमा की पूजा जरूर करें
ग्रंथों का पाठ- पितरों की शांति के लिए गीता या गरुड़ पुराण का पाठ करें.
दीपक जलाएं– सदक्षिण दिशा में घी का दीपक जलाएं.
ब्राह्मणों को भोजन कराएं – इस दिन ब्राह्मणों को भोजन कराने से पितरों का आशिर्वाद प्राप्त होता है.