Bihar elections 2025: बिहार के गया जी में लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल द्वारा आयोजित एक राजनितिक कार्यक्रम में राजद के स्थ्यनिया नेता द्वारा सार्वजानिक मंच से 1990 का ‘भूरा बाल साफ करो’ वाला नारा दोहराने के बाद यह एक बड़ा राजनितिक मुद्दा बन गया है और वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है.
आगामी बिहार वधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है. इसी बिच लालू यादव और नितीश कुमार दोनों ही प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से बिहार की राजनीति के केंद्र बनें हुए हैं. लालू यादव फेनोमिना के बाद जब सत्ता नितीश कुमार हांथो में गई थी तब उसमें उस वर्ग के मतदातों का विशेष और अहन योगदान था जो किसी के समर्थन में नहीं बल्कि केवल लालू यादव के विरुद्ध मतदान करते हैं. यह वर्ग विशेष राजद सुप्रीमो लालू यादव पर सदैव आरोप लगता है कि लालू राज केवल जंगल राज का प्रतीक बना है और वर्ग विशेष को चिन्हित कर उनके दमन के लिए काम किया गया.
‘भूरा बाल साफ़ करो’ का राजनितिक अर्थ
‘भूरा बाल’ का राजनितिक अर्थ – ‘भू’ से भूमिहार, ‘रा’ से राजपूत, ‘बा’ से ब्राह्मण और ‘ल’ से लाला (वैश्य समाज) के तौर पर माना जाता है, लालू यादव पर आरोप लगते रहे हैं की उन्होंने 1990 के दशक में ‘भूरा बाल’ साफ़ करो जैसा गुप्त अभियान चला के वर्ग विशेष के दमन का काम किया. यह पूरा दौर 1990 के दशक के चर्चित नारे ‘भूरा बाल साफ करो’ से भी जाना जाता है. बता दें कि बिहार में एक वर्ग विशेष आज भी केवल लालू यादव और राजद की वापसी को रोकने के लिए एकजुट मतदान करता है.
आनंद मोहन बोले
हाल ही में जेल से छूटे, बिहार में नितीश कुमार की पार्टी ‘जनता दल (यूनाइटेड)’ के वरिष्ठ नेता पूर्व सांसद आनंद मोहन ने बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में रघुवंश-कर्पूरी विचार मंच की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में वर्ग विशेष को किंगमेकर बताते हुए कहा कि ‘भूरा बाल’ ही तय करेगा कि बिहार की गद्दी पर कौन बैठेगा. समय बदल गया है, लालू यादव एक समय पर यादवों के साथ दलितों और अति पिछड़ों के नेता थे पर अब दलित और अति पिछडा उनके वंशवादी नीतियों और भ्रस्टाचार के कारण अलग हो गया है.
यह मुद्दा फिर से तेज हो गया जब बिहार के गयाजी में राजद द्वारा आयोजित एक राजनितिक कार्यक्रम में राजद के स्थ्यनिय नेता द्वारा सार्वजानिक मंच से ‘भूरा बाल साफ करो’ वाला नारा दोहराया गया जिसके बाद इस मामले की आग तेज हो गई और वीडियो वायरल हो गया.