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इस दिन से शुरू हो रहा नवरात्रि का पर्व, पहले दिन जौ उगाने से पहले जान लें इसके पीछे का महत्व

Navratri 2025: 22 सितंबर सोमवार से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो रही है. नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना की और जौ बोई जाती है. आइए आज आपको बताते हैं कि इसका महत्व क्या है?

Written By: preeti rajput
Last Updated: September 21, 2025 06:42:37 IST

Navratri Mein Jau Kaise boye: नवरात्रि लगभग आ ही गई है और लोगों उत्साह चरम पर है. इस नौ दिवसीय उत्सव के दौरान किए जाने वाले कई प्रमुख अनुष्ठानों में से एक है. पूरे भारत में बड़े धूमधाम और उत्साह के साथ मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक है. इन नौ दिनों के दौरान, भक्त देवी दुर्गा के नौ अवतारों की पूजा करते हैं. यह त्योहार राक्षस राजा महिषासुर पर दुर्गा की विजय का प्रतीक है. इस त्योहार का दसवा दिन विजयदशमी या दशहरा के रुप में मनाते हैं. नवरात्रि के पहले दिन जौ याजौबोना और आखिरी दिन उसकी पूजा करना. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है

क्यों उगाते हैं इस दिन जौ?

नवरात्रि के दौरान कुछ लोग उपवास रखते हैं, तो कुछ सात्विक आहार का पालन करते हैं. उत्तर भारत के कई हिस्सों में सबसे लोकप्रिय अनुष्ठानों में से एक है नवरात्रि के पहले दिन मिट्टी के बर्तन में जौ के बीज या “जौ” बोना. नौ दिनों तक उगने वाले इन छोटे पौधों की अष्टमी या नवमी को पूजा की जाती है और फिर उन्हें किसी जलाशय में विसर्जित कर दिया जाता है. नवरात्रि के दौरान जौ बोना एक आम प्रथा है, और इसे कृषि कार्यों के लिए मौसमी वर्षा का उपयोग करने के एक तरीके के रूप में देखा जाता है.

जौ उगाने का महत्व

नवरात्रि के दौरान जौ बोना भारत के कुछ हिस्सों, खासकर हरियाणा और पंजाब जैसे उत्तरी क्षेत्रों में एक पारंपरिक कृषि अनुष्ठान है. माना जाता है कि नवरात्रि के दौरान जौ बोने से देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है और आने वाला वर्ष भरपूर फसल और खुशहाली के लिए अनुकूल होता है. भक्त एक मिट्टी का घड़ा लेते हैं और उसमें रेत या मिट्टी भरते हैं. फिर, वे उसमें जौ बोते हैं और उन्हें कम से कम पानी से सींचते हैं.

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