Goods and Service Tax: जीएसटी काउंसिल की हालिया बैठक में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए, जिससे टैक्स सिस्टम पहले से कहीं ज़्यादा आसान और पारदर्शी हो गया. इन जीएसटी सुधारों से उम्मीद है कि कई वस्तुओं की कीमतें भी कम हो जाएंगी. यह ध्यान देने योग्य है कि फ्रांस दुनिया का पहला देश था जिसने 1954 में जीएसटी लागू किया था. आज यह दुनिया के 160 से अधिक देशों में लागू है. भारत ने इसे 2017 में लागू किया.
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पहली बार 2000 में पेश किया गया था जीएसटी का प्रस्ताव
जीएसटी का प्रस्ताव पहली बार 2000 की शुरुआत में पेश किया गया था, जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे. उनके नेतृत्व में जीएसटी फ्रेमवर्क का मसौदा तैयार करने के लिए एक समिति बनाई गई थी. इस प्रक्रिया में लगभग 16-17 साल तक विस्तृत चर्चा हुई. संसद ने इसे 2016 में पारित किया और फिर जीएसटी काउंसिल का गठन किया गया. आखिरकार, इसे 1 जुलाई 2017 को पूरे देश में लागू कर दिया गया. उस समय इसे ‘वन नेशन, वन टैक्स’ नाम दिया गया था.
भारत में जीएसटी क्यों लागू किया गया और इसके क्या फायदे हैं?
इसका उद्देश्य वैट, सर्विस टैक्स और एक्साइज ड्यूटी जैसे कई अप्रत्यक्ष करों की जगह एक एकीकृत कर प्रणाली लाना था. इसका मकसद उपभोक्ताओं पर टैक्स का बोझ कम करना और टैक्स सिस्टम को सरल बनाना भी था. देश में जीएसटी लागू करना आजादी के बाद टैक्स सिस्टम में सबसे बड़ा सुधार था. हाल के जीएसटी सुधारों के साथ, पहले का चार-स्तरीय टैक्स स्ट्रक्चर (5%, 12%, 18%, 28%) अब दो-स्तरीय (5% और 18%) हो गया है.
संक्षेप में, जीएसटी लागू करने का उद्देश्य देश के लोगों को कई टैक्स से मुक्त करना और एक एकीकृत टैक्स सिस्टम लाना था. इससे पूरे देश में समान नियमों की गारंटी देकर व्यापार करना आसान हो गया. यह एक डिजिटल, ऑनलाइन टैक्स सिस्टम है, इसलिए यह अधिक पारदर्शी है, जिससे टैक्स चोरी कम होती है और सरकारी राजस्व बढ़ता है.
जीएसटी सुधार कल से लागू होंगे
भारत के अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में एक बड़ा और ऐतिहासिक बदलाव कल, 22 सितंबर से लागू होने वाला है. इन सुधारों के तहत, 5% और 18% के दो टैक्स स्लैब के साथ टैक्स सिस्टम को सरल बनाया गया है. तंबाकू, सिगरेट और शीतल पेय जैसी वस्तुओं पर 40% की दर से टैक्स लगेगा. पहले 12% टैक्स स्लैब में आने वाले कई ज़रूरी घरेलू सामान अब 5% स्लैब में आएंगे. इससे शैम्पू, साबुन, टूथपेस्ट, बच्चों के सामान और डेयरी प्रोडक्ट जैसी रोज़मर्रा की चीज़ें सस्ती हो जाएंगी. इसके अलावा, GST 2.0 के तहत लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस पर 18% GST हटा दिया गया है, जिससे ये प्रोडक्ट ज़्यादा लोगों तक पहुंच सकेंगे.
GST सुधार से ऑटोमोबाइल सेक्टर को भी फायदा होगा. 1200cc से कम इंजन वाली छोटी कारों पर GST 28% से घटकर 18% हो जाएगा। इससे दोपहिया वाहनों की कीमतें भी कम होंगी. हालांकि, लग्ज़री कारों पर कोई टैक्स राहत नहीं मिलेगी.