Aadhaar Deactivation: आधार कार्ड को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है. दरअसल, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने देश में 1.4 करोड़ से ज़्यादा आधार नंबर बंद कर दिए हैं. आप सोच रहे होंगे कि किन लोगों पर ये कड़ा एक्शन लिया गया है, आपको बता दें कि आधार कार्ड उन लोगों के बंद किए गए हैं जो मर्त हैं, जी हां ये आधार नंबर मृत व्यक्तियों के हैं. आपको बताते चलें कि UIDAI का यह कदम पिछले साल शुरू किए गए सरकार के सफाई अभियान का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सरकारी योजनाओं का लाभ सही लोगों तक पहुँचे और मृत व्यक्तियों के नाम पर झूठे दावे न किए जाएँ.
जानिए क्यों लिया गया फैसला
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूआईडीएआई के सीईओ भुवनेश कुमार ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि, कल्याणकारी योजनाओं की विश्वसनीयता बनाए रखने और किसी भी संभावित दुरुपयोग को रोकने के लिए मृत व्यक्तियों के आधार नंबर को निष्क्रिय करना आवश्यक है. इससे यह सुनिश्चित होता है कि सार्वजनिक धन धोखाधड़ी के दावों या पहचान संबंधी धोखाधड़ी पर बर्बाद न हो.
2 करोड़ आधार नंबरों को बंद करने के पीछे की सबसे बड़ी वजह
वर्तमान में, आधार 3,300 से ज़्यादा सरकारी योजनाओं से जुड़ा हुआ है. यूआईडीएआई का लक्ष्य दिसंबर 2025 तक लगभग 2 करोड़ मृत व्यक्तियों के आधार नंबरों को निष्क्रिय करना है. यूआईडीएआई अधिकारियों के अनुसार, इस अभियान की सबसे बड़ी समस्या यह है कि मृत्यु पंजीकरण के लिए आधार संख्या अनिवार्य नहीं है. इससे आंकड़ों में भारी अंतर आ जाता है. कई मामलों में, आधार संख्या या तो मृत्यु रिकॉर्ड में दर्ज ही नहीं होती, या गलत या अधूरी दर्ज होती है. इसके अलावा, यह डेटा विभिन्न वित्तीय और गैर-वित्तीय संस्थानों में बिखरा हुआ है, जिससे सत्यापन और मिलान बेहद मुश्किल हो जाता है.
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