Navratri 2025: इस नवरात्रि मां के इस मंदिर के दर्शन करना ना भूले, जहाँ सिर्फ़ आलता चढ़ान से बरसती है संपत्ति
Navratri 2025, Must Visit Temple of Maa Durga during Navratri: दाढ़ देवी मंदिर राजस्थान के कोटा जिले में चम्बल नदी के किनारे और जंगलों के बीच स्थित है। यह माँ दुर्गा के एक विशेष रूप को समर्पित है। यहाँ देवी की मूर्ति दस भुजाओं वाली है और सिंह पर विराजमान है। इस मंदिर को “दाढ़ देवी” इसलिए कहा जाता है क्योंकि मूर्ति में देवी के दाँत (दाढ़) दिखाई देते हैं। मंदिर कोटा की राजपरिवार की कुलदेवी का स्थान भी माना जाता है।
परिचय
राजस्थान के कोटा जिले में उमेद गंज के पास दाढ़ देवी मंदिर है। यह मंदिर माँ दुर्गा के एक उग्र (भयंकर) रूप को समर्पित है।
ऐतिहासिक जानकारी
माना जाता है कि यह मंदिर 10वीं सदी में बना था।इस मंदिर का नाम दाढ़ देवी इसलिए पड़ा क्योंकि यहाँ देवी की मूर्ति में उनके दाँत (दाढ़) बाहर की ओर निकले हुए दिखते हैं।
स्थान एवं पर्यावरण
यह मंदिर कोटा शहर से करीब 18 किलोमीटर दूर उमेद गंज में है। यह चम्बल नदी के किनारे, घने जंगलों के बीच है, जिस कारण यहाँ का माहौल बहुत शांत और भक्तिमय लगता है।
देवी की मूर्ति एवं पूजा-पद्धति
मूर्ति में देवी की दस भुजाएँ हैं और वे सिंह पर बैठी हुई हैं। भक्तों का मानना है कि देवी को आलता (लाल रंग की एक पारंपरिक चीज़) चढ़ाने से घर में धन और सुख-समृद्धि आती है।
नवरात्रि के दौरान महत्व
नवरात्रि के दिनों में यहाँ बहुत भीड़ होती है और भक्तों का उत्साह बढ़ जाता है। इन दिनों, खासकर आलता चढ़ाने की रस्म निभाई जाती है।
आस्था एवं लोक विश्वास
दाढ़ देवी को कोटा के शाही परिवार की कुलदेवी माना जाता है।लोगों का मानना है कि देवी माँ की पूजा करने से उनकी सभी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं और मुसीबतें दूर हो जाती हैं।
दर्शन और यात्रा सलाह
अगर आप मंदिर सुबह जल्दी जाएँ, तो भीड़ कम मिलेगी।यह मंदिर जंगल के रास्ते में है, इसलिए यहाँ जाने से पहले अच्छे जूते पहनें, पानी साथ रखें और मौसम का हाल जानकर जाएँ। बारिश या खराब मौसम में रास्ते खतरनाक हो सकते हैं, इसलिए सावधानी रखें।