Azam Khan News: जैसा की आप सभी जानते हैं कि समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश की राजनीति में अहम भूमिका निभाने वाले आज़म खान करीब दो साल बाद जेल से बाहर आने वाले हैं. दरअसल, उन्हें मंगलवार यानी आज रिहा किया जाएगा. खास बात ये है एक अदालत ने ज़मानत देकर उनकी रिहाई का रास्ता साफ़ कर दिया है. लेकिन वो फिलहाल सीतापुर जेल में बंद हैं. अब कयास लगाए जा रहे हैं कि आज़म की वापसी उत्तर प्रदेश की राजनीति में कैसा बदलाव लाने वाली है. उनकी रिहाई की खबर के साथ साथ सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ उनके संबंधों पर भी बातचीत शुरू हो गई है.
राजनीति में निभाया अहम किरदार (Played an important role in politics)
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आज़म खान रामपुर की राजनीति में एक मजबूत रीढ़ की हड्डी रहे हैं, लेकिन उनके जेल जाने से समीकरणों में काफ़ी बदलाव देखने को मिला है. जैसा की आप सभी जानते हैं कि रामपुर पर अभी समाजवादी पार्टी का कब्ज़ा है, लेकिन आज़म खान का प्रभाव कहीं न कहीं कम हो गया है. कई बड़े चेहरे इस सीट पर नज़र गड़ाए हुए हैं. देखना होगा कि आज़म खान की वापसी रामपुर और उत्तर प्रदेश की राजनीति में क्या बदलाव लाने वाली है.
आज़म खान की रिहाई से UP की राजनीति पर क्या पड़ेगा असर (How will Azam Khan’s release affect UP politics?)
आज़म खान के जेल जाने के बाद उनके समर्थक काफी मायूस हो गए थे और शांत भी, लेकिन अब वो दुबारा से एक्टिव हो जायेंगे. जानकारी के मुताबिक आज़म समाजवादी पार्टी के भीतर दबाव की राजनीति में लगे हुए हैं, लेकिन देखना होगा कि आज़म की रणनीति क्या होगी. लेकिन, यह लगभग तय है कि उनकी वापसी रामपुर की राजनीति में बदलाव लाएगी. सांसद मोहिबुल्लाह नदवी का सपा में प्रभाव कम हो सकता है, जबकि आज़म का दबदबा बढ़ सकता है. इसकी मुख्य वजह रामपुर सपा संगठन से आज़म के करीबी रिश्ते हैं.
अखिलेश यादव के साथ कैसा रहेगा हिस्सा? (How will the partnership with Akhilesh Yadav be?)
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आज़म खान पिछले 23 महीनों से सीतापुर जेल में सलाखों के पीछे सजा काट रहे हैं, लेकिन इस दौरान सपा प्रमुख अखिलेश यादव उनसे एक-दो बार ही मिले. उनकी रिहाई के लिए कोई खास प्रयास भी नहीं किए गए हैं. इसलिए, उनके और आज़म के बीच थोड़ी दूरी देखी जा सकती है. इस बीच, नगीना के सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने आज़म से मुलाकात की. ऐसी भी अफवाहें हैं कि आज़म सपा छोड़ने वाले हैं, लेकिन इसकी संभावना बहुत कम है.